नीतीश ने कहा-जेल की सीख का फायदा उठाने के लिए शाह को बनाया BJP अध्यक्ष
तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करारा जवाब दिया है। नीतीश ने कहा कि पीएम को यह ही पता नहीं है कि बिहार अब बीमारू राज्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की बातें बिहार आकर पीएम मोदी ने की हैं, वह उनसे पद को शोभा नहीं देतीं। रविवार शाम को मीडिया से मुखातिब हुए बिहार के सीएम ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी जेडीयू को ‘जनता दमन उत्पीड़न’ पार्टी बताने वालों की पार्टी बीजेपी को लोग ‘बड़का झुट्ठा पार्टी’ कहने लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम ने ज्ञान और मोक्ष की धरती (गया में) पर झूठ बोला है। नीतीश ने यह कहकर भी चुटकी ली कि गंगा दिल्ली से नहीं बहती है। उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि जेल में मिली सीख का फायदा उठाने के लिए पीएम ने अमित शाह को बीजेपी का प्रमुख बनाया है। रविवार को पीएम ने गया में बीजेपी की रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने नीतीश और लालू पर जमकर हमले बोले।
जेल से जुड़े बयान की आलोचना
नीतीश ने कहा, ‘जेल को सुधार गृह बताया जाता है। लेकिन उन्होंने (पीएम ने) जेल से लौटने वाला बुराइयां सीखकर आता है, ऐसा कहकर स्थापित मान्यता को झुठलाने की कोशिश की है। उन्होंने (पीएम ने) अपनी पार्टी की जिम्मेदारी ऐसे शख्स (अमित शाह) को दी है, जो जेल से लौटा है। जेल में सीखे गुण का फायदा लेने के लिए ही शायद उन्होंने यह पद सौंपा है। यह हम नहीं कह रहे, उनकी बातों के हिसाब से तो ऐसा ही लग रहा है। आपने लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था कि 1 साल के अंदर राजनीति को अपराधमुक्त कर देंगे। वह सवाल साल से ज्यादा वक्त बाद आए हैं। हमने कहा था उनसे कि ऐलान करें कि उनकी पार्टी और सहयोगी पार्टियां अपराधियों को टिकट नहीं देंगी। मगर कुछ नहीं किया गया।’
‘अर्घ्य देते वक्त लोटा उल्टा ही होता है’
पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि बिहार के नेता उल्टा लोटा लेकर खड़े रहते हैं। इस पर करारा जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, ‘हमारे यहां छठ पूजा होती है, जिसमें अर्घ्य दिया जाता है। जब अर्घ्य देते हैं तो लोटा उल्टा ही होता है। और तो और प्रधानमंत्री जी नया ज्ञान दे गए कि गंगा दिल्ली से बहती है। मदद के लिए हम तो दिल्ली जाकर उनसे मिले, वित्त मंत्री से मिले।’
नीतीश ने कहा, ‘जेल को सुधार गृह बताया जाता है। लेकिन उन्होंने (पीएम ने) जेल से लौटने वाला बुराइयां सीखकर आता है, ऐसा कहकर स्थापित मान्यता को झुठलाने की कोशिश की है। उन्होंने (पीएम ने) अपनी पार्टी की जिम्मेदारी ऐसे शख्स (अमित शाह) को दी है, जो जेल से लौटा है। जेल में सीखे गुण का फायदा लेने के लिए ही शायद उन्होंने यह पद सौंपा है। यह हम नहीं कह रहे, उनकी बातों के हिसाब से तो ऐसा ही लग रहा है। आपने लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था कि 1 साल के अंदर राजनीति को अपराधमुक्त कर देंगे। वह सवाल साल से ज्यादा वक्त बाद आए हैं। हमने कहा था उनसे कि ऐलान करें कि उनकी पार्टी और सहयोगी पार्टियां अपराधियों को टिकट नहीं देंगी। मगर कुछ नहीं किया गया।’
‘अर्घ्य देते वक्त लोटा उल्टा ही होता है’
पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि बिहार के नेता उल्टा लोटा लेकर खड़े रहते हैं। इस पर करारा जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, ‘हमारे यहां छठ पूजा होती है, जिसमें अर्घ्य दिया जाता है। जब अर्घ्य देते हैं तो लोटा उल्टा ही होता है। और तो और प्रधानमंत्री जी नया ज्ञान दे गए कि गंगा दिल्ली से बहती है। मदद के लिए हम तो दिल्ली जाकर उनसे मिले, वित्त मंत्री से मिले।’
‘पीएम ने गलती नहीं सुधारी’
नीतीश ने कहा, ‘वह (पीएम) पहले बिहार के डीएनए को लेकर कई तरह की टिप्पणियां करके चले गए थे। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि वह अपने शब्दों को वापस लेकर गलती का सुधार करेंगे, मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इस बार बिहार को बीमारू बताकर गए हैं। उन्हें ध्यान होना चाहिए कि बिहारियों के बिना किसी का काम नहीं चलता है। उन्हें बिहार के विकास में योगदान देना चाहिए। जिस तरह की बातें उन्होंने की है, देश के इतने बड़े नेता से उनकी उम्मीद नहीं की जाती। आपने इंजिनियरिंग की सीटों की बात की, आप बताइए कि एक साल में आपकी सरकार ने कितने इंजिनियरों को नौकरी दी? उल्टा वह बिहार को दुर्भाग्यशाली और बीमारू बताकर चले गए। उन्हें पता नहीं है कि अब बिहार बीमारू राज्य नहीं कहलाता। यहां के इंडिकेटर्स जो हैं, उस हिसाब से बिहार बीमारू नहीं है।’ नीतीश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बिहार से दो राज्यों की तुलना करते हुए कहा- मध्य प्रदेश और राजस्थान अब बीमारू राज्य से बाहर निकल गए, क्योंकि वहां पर बीजेपी की सरकार रही। ऐसा करते वक्त उन्होंने अपने ही पुराने और वरिष्ठ नेताओं का अपमान कर दिया। वह भूल गए कि पहले उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपराष्ट्रपति रहे भैरोसिंह शेखावत ने राजस्थान में अंत्योदय की शुरुआत की थी और इसके लिए उन्हें सराहा गया था। मगर वह कहते हैं कि पिछले 5-10 सालों में ऐसा हुआ।’
नीतीश ने कहा, ‘वह (पीएम) पहले बिहार के डीएनए को लेकर कई तरह की टिप्पणियां करके चले गए थे। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि वह अपने शब्दों को वापस लेकर गलती का सुधार करेंगे, मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इस बार बिहार को बीमारू बताकर गए हैं। उन्हें ध्यान होना चाहिए कि बिहारियों के बिना किसी का काम नहीं चलता है। उन्हें बिहार के विकास में योगदान देना चाहिए। जिस तरह की बातें उन्होंने की है, देश के इतने बड़े नेता से उनकी उम्मीद नहीं की जाती। आपने इंजिनियरिंग की सीटों की बात की, आप बताइए कि एक साल में आपकी सरकार ने कितने इंजिनियरों को नौकरी दी? उल्टा वह बिहार को दुर्भाग्यशाली और बीमारू बताकर चले गए। उन्हें पता नहीं है कि अब बिहार बीमारू राज्य नहीं कहलाता। यहां के इंडिकेटर्स जो हैं, उस हिसाब से बिहार बीमारू नहीं है।’ नीतीश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बिहार से दो राज्यों की तुलना करते हुए कहा- मध्य प्रदेश और राजस्थान अब बीमारू राज्य से बाहर निकल गए, क्योंकि वहां पर बीजेपी की सरकार रही। ऐसा करते वक्त उन्होंने अपने ही पुराने और वरिष्ठ नेताओं का अपमान कर दिया। वह भूल गए कि पहले उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपराष्ट्रपति रहे भैरोसिंह शेखावत ने राजस्थान में अंत्योदय की शुरुआत की थी और इसके लिए उन्हें सराहा गया था। मगर वह कहते हैं कि पिछले 5-10 सालों में ऐसा हुआ।’
कोऑपरेटिव फेडरलिज़म पर उठाए सवाल
नीतीश ने कहा कि बार-बार बिहार की जनता को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश और राजस्थान अगर बीमारू की कैटिगरी से बाहर हुए तो केंद्र में किसकी सरकार थी? केंद्र में तो बीजेपी की सरकार नहीं थी। 2004 से कोई और सरकार थी, फिर भी इन राज्यों में तरक्की हुई। अब आप कह रहे हैं कि केंद्र में हमारी सरकार है, इसलिए बिहार में भी अगर हमारी सरकार होगी तो विकास अच्छा होगा। इससे आपके इरादों का पता चलता है। आप यही कहना चाहते हैं कि अगर बिहार में किसी और की सरकार होगी तो आपकी केंद्र सरकार सहयोग नहीं करेगी। यही है कोऑपरेटिव फेडरलिज़म? आप लोगों को धमका रहे हैं।’
नीतीश ने कहा कि बार-बार बिहार की जनता को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश और राजस्थान अगर बीमारू की कैटिगरी से बाहर हुए तो केंद्र में किसकी सरकार थी? केंद्र में तो बीजेपी की सरकार नहीं थी। 2004 से कोई और सरकार थी, फिर भी इन राज्यों में तरक्की हुई। अब आप कह रहे हैं कि केंद्र में हमारी सरकार है, इसलिए बिहार में भी अगर हमारी सरकार होगी तो विकास अच्छा होगा। इससे आपके इरादों का पता चलता है। आप यही कहना चाहते हैं कि अगर बिहार में किसी और की सरकार होगी तो आपकी केंद्र सरकार सहयोग नहीं करेगी। यही है कोऑपरेटिव फेडरलिज़म? आप लोगों को धमका रहे हैं।’
याद दिलाया राजधर्म
नीतीश ने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपने पिछली बार कह दिया कि आरजेडी ने जंगलराज फैलाया और इस वक्त बोल रहे हो कि जेडीयू का मतलब जनता का दमन और उत्पीड़न है। आप गुजरात को क्यों भूल जाते हैं? भूल गए कि श्रद्धेय वाजपेयी जी ने आपको कहा था कि राजधर्म का पालन कीजिए?’ अपने ऊपर हुए हमले से बौखलाए लालू यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पीएम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने पीएम का स्तर गिराया है।’
नीतीश ने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपने पिछली बार कह दिया कि आरजेडी ने जंगलराज फैलाया और इस वक्त बोल रहे हो कि जेडीयू का मतलब जनता का दमन और उत्पीड़न है। आप गुजरात को क्यों भूल जाते हैं? भूल गए कि श्रद्धेय वाजपेयी जी ने आपको कहा था कि राजधर्म का पालन कीजिए?’ अपने ऊपर हुए हमले से बौखलाए लालू यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पीएम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने पीएम का स्तर गिराया है।’
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