नोटबंदी के बाद क्यों पीएम मोदी से डरी हुईं ममता बनर्जी ?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को लेकर पूरा का पूरा विपक्ष परेशान है। विपक्ष ने संसद से लेकर सड़क तक प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी को लेकर पूरे के पूरे विपक्ष को लेकर एकजुट करने में जुटी हुई हैं। वो कभी 500 और 1000 के नोट बंद करने के खिलाफ मार्च निकालती हैं तो कभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ रैली करती हैं। यहां तक की वो रिजर्व बैंक आफ इंडिया के बाहर भी धरने पर बैठ चुके हैं। लेकिन, हर जगह उनका स्वागत मोदी-मोदी के नारों से किया गया। जिसे लेकर उनकी परेशानी और बैचेनी और भी बढ़ती जा रही है। जंतर-मंतर पर भी विपक्ष की रैली में मोदी-मोदी के नारे लगाए गए थे।
दरअसल, नोटबंदी के बाद उनकी परेशानी कम होने की बजाए और बढ़ने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का असर बंगाल की राजनीति पर दिखने लगा है। वहां पर बदलाव शुरु हो गया है। इस बदलाव का सीधा फायदा बीजेपी को मिलता नजर आ रहा है। पश्चिम बंगाल में बीेजेपी तेजी से उभर रही है। इतना ही नहीं वो यहां पर तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनौती भी बनती जा रही है। अभी पश्चिम बंगाल में उपचुनाव हुए हैं। वो भी नोटबंदी के साए में। तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी का विरोध किया तो जनता उसके खिलाफ हो गई जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला। पश्चिम बंगाल के इन चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है। जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी सराहना की है।
उन्होंने इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के अलावा पश्चिम बंगाल की यूनिट की भी पीठ थपथपाई है। पश्चिम बंगल में उपचुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई और उसके उत्साही प्रदर्शन के लिए उसकी सराहना करता हूं। भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के लोगों की लगन से सेवा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उधर, तृणमूल कांग्रेस कूचबिहार और तामलुक लोकसभा सीट पर अपनी जीत को नोटबंदी के खिलाफ लोगों की बगावत करार दे रही है। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने कूचबिहार लोकसभा सीट करीब पांच लाख वोटों के अंतर से जीती है। जबकि तामलुक लोकसभा सीट पर जीत का मार्जिन 1.27 लाख वोटों का है।
इस चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनके वोट शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बीजेपी काफी मजबूती के साथ यहां पर उभरी है। ऐसे में बताया जा रहा है कि आने वाले दिनो में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सीधी टक्कर बीजेपी से होगी। कूचबिहार लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 16.4 से बढ़कर 28.5 फीसदी हो गया। वहीं दूसरी ओर तामलुक लोकसभा सीट पर BJP का वोट शेयर 6.4 से बढ़कर 15.25 फीसदी तक पहुंच गया। यानी दोनों जगहों पर करीब दोगुने का फायदा बीजेपी को मिलता दिख रहा है। शायद यही वजह है कि अब ममता बनर्जी बीजेपी को लेकर और भी ज्यादा परेशान हैं। वो कह चुकी हैं कि नोटबंदी के खिलाफ वो किसी से भी हाथ मिला सकती है।
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