मुस्लिम महिलाओं ने किया कांग्रेस का बहिष्कार, चुनावों में ‘पंजे’ को मरोड़ेंगे मुसलमान
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल को राज्यसभा से पास नहीं होने दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इसमें पेंच फंसा दिया। इस बात को लेकर देशभर की मुस्लिम महिलाएं कांग्रेस से खफा हो गई हैं। मुस्लिम महिलाओं ने कांग्रेस पार्टी के बहिष्कार का एलान किया है। जो कांग्रेस को बहुत भारी पड़ सकता है। मुस्लिम महिलाओं ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के खिलाफ संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। जबकि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने जानबूझकर इस बिल को राज्यसभा से पास नहीं होने दिया है। वो संसद के भीतर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एजेंट के तौर पर काम करती है और उसने बोर्ड के इशारे पर ही इस बिल को लटकाया है। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को इसकी कीमत चुकानी होगी।
संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाली मुस्लिम महिलाओं का कहना था कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम महिला विरोधी है। ये सारा काम साजिश और सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना था कि वो ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनवाकर ही दम लेंगे। इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने इस बिल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया भी अदा किया। दरसअल, लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की बहुमत में सरकार है। ऐसे में इस बिल को लोकसभा से कोई नहीं रोक पाया और ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल लोकसभा से आसानी से पास हो गया। जबकि राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए बीजेपी को कांग्रेस समते विपक्ष की मदद चाहिए थी। लेकिन, कांग्रेस पार्टी ने इस बिल पर अड़ंगा लगा दिया और इसे पास नहीं होने दिया। जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई और बिल पास नहीं हो पाया।
हालांकि इस बिल को लेकर कांग्रेस पार्टी डबल गेम खेलने के मूड में थी। एक ओर वो बिल के समर्थन का दिखावा कर रही थी तो दूसरी ओर में कुछ प्रावधानों पर आपत्ति दर्जकर इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहती थी। मुस्लिम महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है। जिसकी उसे कीमत चुकानी होगी। इसके साथ ही मुस्लिम महिलाओं ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ अपने संघर्ष को जारी रखने का भी एलान किया है। इसके साथ ही मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की बिल में संसोधन की जो मांगे हैं वो सरासर गलत हैं। महिलाओं का कहना है कि अगर ट्रिपल तलाक का दोषी व्यक्ति जेल जाता है तो उसकी संपति में उसका भी हिस्सा मिल सकता है। इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है। कांग्रेस पार्टी की मांगों में कोई दम नहीं हैं। वो साजिशन इस बिल को रुकवाना चाहती है।
वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ इस बिल को लेकर मोदी सरकार के पास अब सीमित विकल्प ही बचे हैं। हालांकि राज्यसभा से बिल के पास ना होने की सूरत में सरकार इस पर अध्यादेश लाकर इसे कानून बना सकती है। हालांकि ऐसा करने से इसे उच्च सदन की तौहीन भी माना जा सकता है। क्योंकि ये बिन राज्यसभा में पेश हो चुका है ऐसे में अब ये उच्च सदन की संपत्ति बन गया है। हालांकि इससे पहले भी कई बार सरकारें कई ऐसे बिलों पर अध्यादेश ला चुकी हैं जिन्हें सदन में पेश किया जा चुका है। लेकिन, इसे बेहतर नहीं माना जाता है। बहरहाल अब तो कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को राज्यसभा में लटका ही दिया है। देखना होगा कि अब ये बिल कब संसद से पास होता है। लेकिन, मुस्लिम महिलाओं के भीतर कांग्रेस पार्टी की पोल जरुर खुल गई है। हालांकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी की सफाई में कहते हैं कि हम इस बिल के खिलाफ नहीं हैं बस कुछ संसोधन चाहते हैं।
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