मेरे को खुद नोएडा से बुलंदशहर आने में एडीजी को 50 हजार रुपये देना पड़ा

यूपीः कोतवाल के मोबाइल से मैसेज वायरल, ‘पैसा कौन नहीं लेता बस माध्यम पता होना चाहिए’

लखनऊ/बुलंदशहर। ‘हर जगह पैसा चल रहा है। पैसा कौन नहीं लेता बस माध्यम पता होना चाहिए, बस डायरेक्ट कोई नहीं लेता। एडीजी को कैंप कार्यालय पर लिफाफा पहुंचाओ और एसएसपी को उनके जानकार द्वारा पैसे पहुंचा दो और मनमाफिक पोस्टिंग-तैनाती पा लो।’

एडीजी मेरठ रेंज और एसएसपी बुलंदशहर पर लगे ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि डिबाई कोतवाल के सीयूजी नंबर से लगाए गए हैं। व्हाट्सएप पर ये मैसेज वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

डिबाई कोतवाल के सीयूजी नंबर (9454403157) से व्हाट्सएप पर की गई चैटिंग ने सारी पोल खोल कर रख दी है। डिबाई कोतवाल के सीयूजी नंबर के व्हाट्सएप पर किसी व्यक्ति ने पहला मैसेज कर उनका हाल चाल पूछा, जिसके बाद उसने अपने एक मित्र उपनिरीक्षक को मंडी चौकी दिलवाने की सिफारिश डिबाई कोतवाल से की है।

इसके बाद बातचीत लंबी चलती है ओर डिबाई कोतवाल पैसों के लेनदेन की बात करने लगते हैं और योगी सरकार में जमकर विभाग में पैसे चलने की बात कहते हैं। साथ ही अपने बारे में बताते हैं कि उन्होंने नोएडा से बुलंदशहर आने के लिए 50 हजार रुपये एडीजी कैंप आफिस पर तैनात एक बाबू को दिए थे।

उन्होंने एसएसपी के किसी खास आदमी को तीन लाख रुपये पहुंचाए

यूपी पुलिस

उसके बाद उनका बुलंदशहर ट्रांसफर हुआ है। व्यक्ति ने जब कोतवाल से एसएसपी के बारे में जानकारी की तो इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर से रिप्लाई मैसेज किया गया कि पैसा कौन नहीं लेता बस माध्यम पता होना चाहिए।

साथ ही कहा कि डिबाई कोतवाली का चार्ज लेने के लिए उन्होंने एसएसपी के किसी खास आदमी को तीन लाख रुपये पहुंचाए हैं। पैसे पहुंचने के अगले दिन ही डिबाई का चार्ज मिलने की बात कही गई है। मामले में जब एडीजी मेरठ रेंज से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

मामला संज्ञान में आया है। आरोप बेबुनियाद है। किसी व्यक्ति ने फोन नंबर एक्सचेंज करके यह चैट वायरल की है। साइबर अपराध के तहत अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।- केबी सिंह, एसएसपी बुलंदशहर

आरोप निराधार हैं, कोई नोएडा का व्यक्ति है, जिसने यह सब किया है। सीयूजी नंबर हमारा है, लेकिन हमने किसी से कोई चैट नहीं की है। लगता है हमारा नंबर हैक कर लिया गया है। – परशुराम, निरीक्षक डिबाई कोतवाली

पढ़ें चैट के कुछ अंश

व्हाट्सएप्प

व्यक्ति- कैसे हैं भाई, आपका फोन नहीं लग रहा      
सीयूजी नंबर- क्या हाल चाल हैं, आए नहीं तुम      
व्यक्ति- आउंगा भाई एक एसआई है, उसका मंडी चौकी दिलवा दो      
सीयूजी नंबर- कुछ पैसा खर्च कर लेगा      
व्यक्ति- आपके होते हुए भी पैसा लगेगा      
सीयूजी नंबर- मेरे को खुद नोएडा से बुलंदशहर आने में एडीजी को 50 हजार रुपये देना पड़ा।      
व्यक्ति- एडीजी सर पैसा लेते हैं क्या, अगर ऐसा है तो विजय का डिस्ट्रिक्ट चेंज करा दो      
सीयूजी नंबर- बोल दो एक लिफाफे  में 50 हजार रुपये और दूसरे में एप्लीकेशन लेके एडीजी सर के कैंप ऑफिस चला जाए और बाबू जी को दे देगा, इंस्पेक्टर परशुराम ने बात की होगी।
व्यक्ति- ओके, एसएसपी कृष्णा सर भी पैसा ले लेते हैं      
सीयूजी नंबर- पैसा कौन नहीं लेता बस माध्यम पता रहना चाहिए डायरेक्ट कोई नहीं लेता, यहां भी चार्ज बाद में मिला पहले इनके एक जानकार के माध्यम से तीन लाख रुपये भिजवाए, अगले दिन चार्ज मिल गया।       
सीयूजी नंबर- आना तो मेरे लिए एक वॉच लेते आना ब्रांडेड      
व्यक्ति- ओके नेक्स्ट संडे आता हूं, विजय के लिए कॉल कर देना, वो कल जाएंगे मैंने बोल दिया है।       
सीयूजी नंबर- ओके      

..तो विजय है वह उपनिरीक्षक
डिबाई कोतवाल के सीयूजी नंबर पर जो व्यक्ति एक उपनिरीक्षक को मंडी चौकी दिलवाने की बात कर रहा है, चैट के माध्यम से पता चलता है कि वह उपनिरीक्षक कोई विजय नाम का है। जिसकी सिफारिश की जा रही है।

 

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