लज्जा का दूसरा नाम है नारी
ब कभी भी सुंदरता की बात आती हैं तो हमेशा उसका वर्णन नारी के रूप में ही होता हैं। जिस तरह हम प्रकर्ति के सुंदरता का वर्णन किये बगैर नहीं रह सकते अच्छा उसी तरह नारी की सुंदरता को भी नकारा नहीं जा सकता। प्रेम, धैर्य, त्याग, सर्मपण व लज्जा का दूसरा नाम ही नारी हैं, नारी कभी अपनी कोमलता के कारण तो कभी अपने शक्तिस्वरूपा के रूप में पहचान कराती हैं।
नारी खूबसूरती में लिपटा लिबास नहीं बल्कि मन की सुंदरता का नाम है यह हमेशा ही हर एरिया में सबसे आगे रही हैं। जिस तरह वह घर में सभी लोगों को लेकर चलती हैं अच्छा उसी तरह नारी ने बाहर की संसार में भी अपनी एक ख़ास पहचान बनाई हैं। नारी के बगैर पुरुष अधूरा हैं, महिला ने ही पुरुष को जीने का नया ढंग सिखाया हैं।
आपने अक्सर सुना होगा कि एक पास आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता हैं। जी हां ये हकीकत हैं बगैर नारी पुरुष हकीकत में अधूरा हैं वह घर-परिवार का मैनेजमेंट हो या कार्यालय मैनेजमेंट कहीं भी हर स्थान नारी खुद को पास मानती हैं, यही नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी नारी की पहचान है। वह कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटती हैं। वहीं पुरुष के हर सुख दुःख में उसके साथ खड़ी रहती हैं।
नारी केवल कोमल व सुडोल काया का नाम ही नहीं बल्कि नारी का एक ऐसा भी रूप होता हैं जिसे देखने के बाद उसकी शक्ति का कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता हैं, कई लोग अक्सर इस बात की खोज करते हैं कि नारी सौंदर्यता की पहचान क्या हैं। कई लोग इस तरह के सवाल करते दिखाई देते हैं कि आखिर नारी सौंदर्यता की पहचान क्या हैं? जिनके जवाब उनको सरलता से मिल नहीं पाते हैं इस आर्टिक्ल के जरिये आप जानपाएंगे कि नारी की वास्तविक पहचान क्या हैं।
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