सपा का घमासान: रोना-धोना, धक्का-मुक्की, चांटा और निष्कासन हो गया, अब अागे क्या…
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी का झगड़ा खुलकर सामने आ चुका है। सोमवार (24 अक्टूबर) को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय पर पार्टी नेताओं की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख मुलायम सिंह यादव, यूपी के सीएम अखिलेश यादव और सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच सार्वजनिक मंच पर नोकझोंक हुई। अखिलेश और शिवपाल के बीच धक्कामुक्की भी हो गई। बैठक से पहले मुलायम सिंह यादव गुस्से में चले गए। उनके पीछे सीएम अखिलेश भी वहां से चले गए। और शिवपाल यादव पार्टी दफ्तर स्थित अपने कमरे में चले गए। थोड़ी देर बाद अखिलेश और शिवपाल मुलायम के आवास पर उनसे मिलने गए। वहीं मुलायम से मिलने के बाद शिवपाल ने 10 और युवा नेताओं को पार्टी से निकाल दिया। माना जा रहा है कि ये सभी नेता अखिलेश के करीबी हैं।
लंबे समय से अखिलेश बनाम शिवपाल के बीच चल रही तकरार में नया मोड़ रविवार को आया जब अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को अमर सिंह का करीबी बताते हुए पार्टी से निकाल दिया। उसके बाद मुलायम ने अखिलेश के करीबी माने जाने वाले रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया। जब सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश, मुलायम और शिवपाल इकट्ठा हुआ तो उनसे समर्थक आपस में भिड़ गए। और दोनों पक्ष एक-दूसरे की बात सुनने के बजाय परस्पर आरोप लगाते रहे। बैठक के दौरान अखिलेश और शिवपाल अपने भाषण के दौरान रो भी पड़े। लेकिन इससे शायद किसी पक्ष का दिल नहीं पसीजा।
वहीं रामगोपाल यादव ने पूरे घटनाक्रम पर अफनी चुप्पी शाम को तोड़ी। रामगोपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी के 90 प्रतिशत नेता और कार्यकर्ता अखिलेश के साथ हैं। और खुद वो भी पार्टी में रहें या ना रहें हमेशा अखिलेश के साथ रहेंगे। अमर सिंह ने अभी तक पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान नहीं दिया है। आइए देखें आज सपा में किसने क्या कहा-
अखिलेश यादव-
“मेरे खिलाफ टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखवाया गया। मुझे औरंगजेब और आपको शाहजहां लिखा गया। आशु मलिक ने यह लिखवाया। मलिक कहां है उसको बुलाइए। बुलाओ इसको यहां।”
“जब अमर सिंह ने कहा कि नवंबर तक अखिलेश यूपी में सीएम नहीं रहेंगे, तो मुझे तकलीफ हुई थी।”
“अगर नेताजी ने मुझसे इस्तीफे के लिए कहा होता तो मैंने कब का दे दिया होता।”
“अगर नेताजी या पार्टी के खिलाफ कोई साजिश हो रही है तो मैं उसकी कार्यवाही करूंगा।”
“लोग कह रहे हैं कि एक नई पार्टी बनाई जाएगी। कौन बना रहा है नई पार्टी? मैं तो नहीं बना रहा।”
मुलायम सिंह यादव-
“पीएम मोदी को देखिए, वह समर्पण और संघर्ष करके पीएम बने। वह गरीब परिवार से आते हैं, कहते हैं कि अपनी मां को नहीं छोड़ सकते।”
“मैं अमर सिंह या शिवपाल को नहीं छोड़ सकता। अमर सिंह के सारे पाप माफ।”
“मैं अखिलेश को समझाता हूं लेकिन वह और चीजों पर ध्यान देता है। लोगों को गरियाने से कुछ नहीं होगा।”
“अमर सिंह मेरे भाई है। उन्होंने हमें जेल जाने से बचाया।”
“पार्टी में शराबी, गुंडे शामिल कर लिए गए हैं। जरा सी ताकत क्या मिल जाती है आपका दिमाग खराब हो जाता है। शिवपाल जनता के नेता हैं।”
“जो लोग आज उछल रहे हैं, एक लाठी नहीं झेल पाएंगे। हमने कई लाठियां खाई हैं।”
“अगर आप आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते तो नेता नहीं बन सकते।”
“कुछ नेता चापलूसी में लगे हैं। हमने उन्हें चाय पिलाई, नाश्ता कराया, खाना खिलाया। खुशामद कर दी तो खुश होकर चले गए।”
“अभी मैं कमजोर नहीं हूं। मुझे गर्व है कि जनता का विश्वास मेरे ऊपर है।”
”2003 में अमर सिंह की वजह से सरकार बनी। कुछ लोग अमर सिंह के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं।”
शिवपाल यादव-
“जो लोग सपा को कमजोर करने के लिए काम करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हम फिर से नेताजी के खून-पसीने से सरकार बनाएंगे।”
“पार्टी से दलालों को बाहर किया जाए। हमें उनकी कोई जरूरत नहीं। सबको 2017 चुनाव के लिए जीतोड़ मेहनत करनी है।”
“हमें सपा में मक्कारों की जरूरत नहीं है, बिल्कुल नहीं है।”
“अखिलेश ने हमसे कहा था कि वह नई पार्टी बनाएंगे। उन्होंने ऐसा कहा था।”
“नेताजी आप जानते हैं हम जनता के बीच रहते हैं। हम पार्टी में मलाई खाने लोग नहीं है, हम मेहनत करते हैं।”
“सीएम बताएं कि क्या मैंने अच्छा काम नहीं किया?”
“मुझसे विभाग क्यों छीने गए, नेताजी के साथ क्या मेरा योगदान नहीं? मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि मैंने उनका कौन सा आदेश नहीं माना था। मैंने उनका हर आदेश माना है।”
“नेताजी जानते हैं कि मैंने पार्टी को उठाने में कितनी मेहनत की है। गांव-गांव साइकिल से घूमा, लोगों से मिला।”
“पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पार्टी इतनी ऊंचाइयों तक सिर्फ नेताजी की वजह से पहुंची है।”
अभी समाजवादी पार्टी के अंदर चल रही इस घमासान में बहुत कुछ होना बाकी है। जिस तरह शिवगोपाल ने कुछ और अखिलेश समर्थकों को पार्टी से निकाला है और रामगोपा ने इशारा किया है कि पार्टी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता अखिलेश के साथ हैं उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि दोनों पक्षों अभी एक दूसरे पर कई तीर चलाने वाले हैं।
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