हैवानियत का घिनोना रूप !!तमिलनाडु की एक क्रिश्चियन एनजीओ बुज़ुर्गों को मारकर हड्डियां और अंग दूसरे देशों को बेच रहा है
तमिलनाडू के ‘सेंट जोसेफ हॉस्पिंस’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन के खिलाफ चौंकाने वाला आरोप उभरा है, जिसमें बीमार मरीज़ों को मार कर उनकी हड्डियों की कटाई की जा रही है। कुछ रिपोर्टों ने यह भी आरोप लगाया है कि यह एनजीओ, अपने मरीज़ों के अंगों की कटाई कर उसे अन्य देशों को बेच भी रही है। ‘Home for Dying Destitute’, नामक यह एनजीओ आर.वी. थॊमस द्वारा 2011 में बनाई गयी थी। ये ईसाई पादरी, डिंडीगुल और पालेश्वरम में भी इसी प्रकार के अन्य दो हॉस्पिंस चला रहा है।
தொண்டு நிறுவனத்தில் உயிரிழந்தவர்களை புதைப்பதில்லை, அவர்களின் எலும்புகளை எடுத்து பயன்படுத்துகிறார்கள் – கிராம மக்கள் குற்றச்சாட்டு #Salavakkam #NGO pic.twitter.com/PnbjVuhYdF
— Thanthi TV (@ThanthiTV) February 21, 2018
यह क्रिश्चियन हॉस्पिंस, आश्रम की ही तरह होता है जो निराश्रित और बीमार लोगों की शुश्रूशा करता है। 3 फरवरी को “द हिन्दू” अखबार में मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए इस्तेमाल किए गए एक अनधिकृत वॉल्ट के बारे में एक लेख सामने आया था। हालांकि, इस आलेख में बुज़ुर्गों के इलाज के विवरण और स्थानीय लोगों द्वारा हड्डियों की कटाई के आरोप शामिल नहीं थे। लेकिन अब तमिल चैनल “तंति टीवी” ने ज़मीन तौर पर जांच पडताल किया है। इस चैनल ने एनजीओ के खिलाफ स्थानीय लोगों के आरोपों को रोशन किया है और एनजीओ का घिनौनी सच्चाई को जनता के सामने लाया है।
A beacon fitted van, belonging to a private home for elders, was found carrying a body with bags of vegetables along with two aged persons in Salaivakkam in Kancheepuram on Tuesday afternoon. https://t.co/W122roFkqa pic.twitter.com/jbTn0e1w06
— DT Next (@dt_next) February 20, 2018
एनजीओ की कथित गैरकानूनी गतिविधियां तब उजागर हुईं जब ग्रामीणों ने एक वैन का रस्ता रॊक कर हंगामा कर दिया, जो अस्पताल से मृतकों की शवों को ले जा रहा था। वैन के अंदर से एक बूढ़ी महिला की रॊने की आवाज़ आ रही थी जिसे बाद में बचा लिया गया। अन्य एक बुज़ुर्ग पुरुष जो डिंडिगुल के निवासी थे उनको भी वैन के अंदर से बाहर निकाला गया। FCRA analyst नामक एक ट्विटर यूसर ने इस एनजीओ को आनेवाली पैसों के सूत्र का भी पता लगाया है। उसके अनुसार ‘Light for the Blind-India” नामक एक संस्था इस एनजीओ को वित्तीय सहायता दे रहा है। यह संस्था विदेशी है और भारत में इस एनजीऒ को पैसा दे रहा है।
+Not surprisingly, Light for the Blind-India is a #FCRA-NGO, TN/75890338. Rcvd. 2.2 Crore in 2013-14, largely from a Light for the Blind-UKstan (FC returns after 2014 are not available due to IT glitch on FCRA website). Light for the Blind-UK (Charity No.:1085698) is run by + 4/n
— fcra_analyst (@by2kaafi) February 21, 2018
समाजसेवा के आड़ में क्रिश्चियन एनजीओ किस तरह के घिनौने पाप कर रहें हैं आप खुद ही देखिए। हमारे दलाल पत्रकार गहरी नींद में हैं उन्हें क्रिश्चियन और मुसलमानों द्वारा किये जाने वाले घिनौने काम नज़र ही नहीं आते। उनका ध्यान केवल हिन्दुओं के ऊपर है। आये दिन हिन्दुओं को बदनाम करना और जनता को झूठी खबर देना ही उनकी पत्रकारिता का अजेंडा है। द हिन्दू और डेक्कन क्रॊनिकल जैसे दलाल हिन्दू विरॊधी पत्रिकाओं ने केवल वैन से बुज़ुर्गों को बचाने का रिपॊर्ट छापते हुए एनजीओ के धार्मिक प्रकृति को छुपाये रखा था। अगर यही बात किसी हिन्दू आश्रम में हुआ होता तो उसे सुर्खियों में डाल कर देश सारे आश्रमों कॊ ही कटघरे में खड़ा करते। लेकिन यहां मामला क्रिश्चियन एनजीओ का है इस लिए हो हल्ला नहीं मचायेंगे और न्यूस को वहीं दबादेंगे।
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