अखिलेश सरकार ने भेजी रिपोर्ट, बीफ का जिक्र नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने दादरी में गोमांस खाने के आरोप में भीड़ के हाथों मोहम्मद इखलाक के मारे जाने के मामले में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में किसी मकसद का जिक्र नहीं किया है। रिपोर्ट में ‘बीफ’ शब्द का भी इस्तेमाल नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इखलाक पर प्रतिबंधित जानवर के मांस खाने के आरोप के बाद हमला हुआ था।
घर में गोमांस रखने और खाने की अफवाह के बाद पिछले सोमवार की रात दादरी के बिसाहड़ा गांव में हिंसक भीड़ ने 50 साल के मोहम्मद इखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी थी। मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को यह रिपोर्ट सौंप दी।
इखलाक पर हिंसक भीड़ के हमले में उनके छोटे बेटे दानिश को भी गंभीर चोट आई थी। वह दिल्ली के एक हॉस्पिटल में भर्ती हैं। दानिश के भाई सरताज इंडियन एयर फोर्स में हैं। इस पूरे मसले पर उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की है। इस हमले के ज्यादातर आरोपियों के बारे में कहा जा रहा है कि वे बीजेपी नेता के रिश्तेदार हैं। इस मामले में 20 का विशाल राणा मुख्य आरोपी है। वह बीजेपी नेता संजय राणा का बेटा है। कहा जा रहा है कि विशाल राणा ने ही इस हमले को लेकर मीटिंग आयोजित कराई थी।
इस हमले के बाद से बिसाहड़ा गांव में नेताओं की आवाजाही लगी हुई है। दंगे के आरोपी बीजेपी विधायक संगीत सोम भी वहां गए थे। उन्होंने इस हमले के आरोपियों को मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि अखिलेश सरकार गाय की हत्या करने वालों को बचा रही है। संगीत सोम पर 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे भड़काने का आरोप है। वह इस मामले में बेल पर रिहा हैं। मुजफ्फरनगर दंगे में 60 लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हुए थे। रविवार को उन्होने दादरी में कहा था कि इखलाक मामले में निर्दोष को फंसाया गया तो वह ठोककर जवाब देंगे।
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