अगुस्टा वेस्टलैंड केस: पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार

sp-tyagi-iiनई दिल्ली । अगुस्टा वेस्टलैंड केस में सीबीआई ने पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी समेत 3 आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। त्यागी के भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली, दिल्ली के बिजनसमैन गौतम खेतान को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। तीनों पर भ्रष्ट तरीके अपनाकर और अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अनुचित लाभ लेने का आरोप है।

सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में पाया था कि पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी ने अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे में कथित तौर पर दलालों से रिश्वत ली थी। यह कथित रिश्वत उन्हें 2004 से 2005 के दौरान उसी समय मिली थी जिस समय त्यागी के भााई को पैसे मिले थे। यह बात सामने आने के बाद से सीबीआई त्यागी की संपत्ति, बैंक और खासकर 2004-05 के बाद की प्रॉपर्टी की जांच कर रही थी।

सीबीआई के मुताबिक मिडलमेन गुइडो हास्चके और कार्लो गेरोसा ने त्यागी के भाइयों (जूली, डोकसा और संदीप) तक रिश्वत पहुचाई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस साल अप्रैल में एसपी त्यागी को समन भेजा था। मई में सीबीआई ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी से कई दौर की पूछताछ की थी।

सीबीआई ने त्यागी से दलालों से कथित रिश्तों, उनके इटली दौरों, हेलिकॉप्टर के लिए शर्तों में तब्दीली और उनके कजिन से रिश्तों को लेकर सवाल किए थे। पूछताछ में त्यागी ने स्वीकार किया था कि उन्होंने अगुस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कैनिका के वरिष्ठ अधिकारियों से तब मुलाकात की थी, जब सौदे की बातचीत जारी थी। उन्होंने बताया था कि वह 15 फरवरी 2005 को फिनमेक्कैनिका के सीओओ जॉर्जिया जापा से दिल्ली में मिले थे। मई 2016 से पहले 2013 में भी एसपी त्यागी से पूछताछ की गई थी। त्यागी ने 2007 में रिटायर होने के बाद इटली के फ्लोरेंस, वेनिस और मिलान की यात्रा की थी।

इटली के मिलान अपीलेट कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि भारत के वायुसेनाध्यक्ष रहते हुए त्यागी ने अगुस्टा वेस्टलैंड के कई अधिकारियों से मुलाकात की थी। कोर्ट के मुताबिक त्यागी को हेलिकॉप्टर की विशेषताओं खासकर उड़ान की ऊंचाई को कम करने संबंधी तब्दीली के बारे में पता था। शुरुआत में हेलिकॉप्टर की उड़ान सीमा 6000 मीटर थी जिसे बाद में घटाकर 4500 मीटर कर दिया गया था। इसी वजह से अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे की दौड़ में शामिल हुई जिसके बगैर इसके हेलिकॉप्टर बोली के योग्य साबित नहीं होते।

2010 में हुआ था 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद का कॉन्ट्रैक्ट
फरवरी 2010 में तब की यूपीए सरकार ने इटली की कंपनी फिनमेक्कैनिका की सहायक कंपनी अगुस्टा वेस्टलैंड के साथ हेलिकॉप्टर खरीद का करार किया था। करार के मुताबिक 3,600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे। इन हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और दूसरे वीवीआईपी के लिए किया जाना था।

रिश्वत क्यों दी गई?
पुराने एमआई 8 हेलिकॉप्टरों में ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता नहीं थी। वायुसेना 6 हजार मीटर ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हेलिकॉप्टर खरीदना चाह रही थी, लकिन त्यागी के वायुसेनाध्यक्ष बनने के बाद ऊंचाई वाले मानक में बदलाव कर उसे 4500 मीटर कर दिया गया। इस तब्दीली से अगुस्टा वेस्टलैंड सौदे के दौड़ में शामिल हो गई। आरोप है कि अगुस्टा वेस्टलैंड को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत के जरिए ऊंचाई से जुड़े मानक में तब्दीली की गई थी।

 

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