अमिताभ ठाकुर ने कहा आरोपों को ‘काल्पनिक’
तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा की अदालत में स्वयं के खिलाफ पहुंची शिकायत को सस्पेंडेड आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने काल्पनिक करार दिया। ठाकुर ने लोकायुक्त से गुहार लगाई है कि वह उनके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के ‘घिनौने प्रयासों’ से बचाएं।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता की तरह कार्य करने के लिए चर्चित सस्पेंडेड आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा ने लोकायुक्त को शिकायतों का पिटारा भेजा है। ठाकुर ने लोकायुक्त से कहा है कि ये शिकायतें कपोल-कल्पनाओं पर आधारित हैं। शिकायत की गई है कि बिना किसी साक्ष्य के अमिताभ ठाकुर ने स्वयं अपनी पत्नी और मां के नाम से कालेधन से प्रॉपर्टी खरीदी है। उन्होंने एक संस्था बनाकर कालेधन को सफेद किया और नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं का यौन शोषण भी किया। ठाकुर ने कहा कि सत्य यह है कि उनकी पत्नी विवाह के समय से ही अपना स्वतंत्र कार्य कर रही है। उनके माता-पिता बोकारो स्टील प्लांट की नौकरी में थे और करीब 40 साल से आयकर दाता हैं। अन्य आरोपों को ठाकुर ने पूरी तरह गलत बताया। अमिताभ ठाकुर ने लोकायुक्त से अनुरोध किया है कि वह शिकायतकर्ता को आरोपों के संबंध में साक्ष्य और तथ्य देने के निर्देश दें और सिर्फ कयासों पर आधारित शिकायतों से उनके परिवार के लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के घिनौने प्रयासों से बचाएं। उल्लेखनीय है कि आईपीएस अमिताभ ने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त से शिकायत की थी और इसी को लेकर सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर फोन कर धमकाने का आरोप लगाया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना आईपीएस अमिताभ को अब भारी पड़ रहा है।
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