अमेरिका में तीन दिन में तीन बार पाकिस्तानी पीएम की किरकिरी

obama24व्हाइट हाउस में ओबामा के साथ नवाज शरीफ। उनके हाथ में पर्ची साफ देखी जा सकती है।
वॉशिंगटन। पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की यूएस दौरे पर लगातार किरकिरी हो रही है। बीते तीन दिनों में कई ऐसे वाकये सामने आए, जब नवाज को पब्लिकली शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में स्पीच के दौरान एक शख्स ने नारेबाजी शुरू कर दी। उसने बलूचिस्तान की आजादी की मांग को लेकर नवाज का विरोध किया।
तीन दिन में तीन बार हुई पाक पीएम की किरकिरी
इससे पहले प्रेसिडेंट ओबामा और यूएस फॉरेन सेक्रेटरी जॉन कैरी से मीटिंग के दौरान भी शरीफ को शर्मिंदा होना पड़ा। ओबामा के साथ मीटिंग के दौरान पर्ची से पढ़ने पर शरीफ की पाक मीडिया में काफी आलोचना हुई तो जॉन कैरी ने भी मीटिंग के दौरान नवाज को जमकर लताड़ लगाई।
कब-कब हुई पाक पीएम की बेइज्जती
1. लादेन को बताया नवाज का दोस्त
यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में स्पीच के दौरान एक शख्स ने शरीफ से कहा, ‘‘तुम लादेन के दोस्त हो।’’ उसके पास एक पोस्टर भी था, जिस पर बलूचिस्तान की आजादी का नारा लिखा था। इसके बाद सिक्युरिटी गार्ड्स उस शख्स को बाहर ले गए, तब जाकर शरीफ ने बोलना शुरू किया। शरीफ ने कहा, ‘‘भारत बातचीत को ठुकराकर हथियारों का जखीरा जुटाने में लगा है। दुख है कि कई बड़ी ताकतें उसकी मदद कर रही हैं।’’
2. यूएस स्टेट डिपार्टमेंट से पाक ने की रिक्वेस्ट, ‘नवाज को दें इज्जत’
शरीफ के साथ यूएस दौरे पर गए पाक जर्नलिस्ट समी अब्राहम ने खुलासा किया कि शरीफ अमेरिका में इज्जत पाने के लिए अमेरिकी नेताओं के आगे नाक रगड़ रहे हैं। अब्राहम के मुताबिक, “पाकिस्तान के टॉप डिप्लोमेट ने यूएस स्टेट डिपार्टमेंट से रिक्वेस्ट करके कहा कि जब जॉन कैरी शरीफ से मिलें तो वो उन्हें प्राइम मिनिस्टर या एक्सीलेंसी कहकर पुकारें। इसकी वजह थी कि एक महीने पहले यूएन जनरल असेंबली के दौरान कैरी और नवाज की मुलाकात की कड़वी यादें। उस दौरान उन्होंने पाक पीएम को सीधे नाम से ‘नवाज’ कहकर पुकारा था। तब पाक पीएम को बेहद शर्मिंदगी महसूस हुई थी। समी अब्राहम ने बताया कि मीटिंग के दौरान टेररिज्म पर एक्शन न लेने पर कैरी ने नवाज की जमकर क्लास ली थी और एक बार तो उनके सामने गुस्से टेबल पर मुक्का मारा था।
3. पर्ची से पढ़ने पर पाक मीडिया ने उड़ाया मजाक
दो दिन पहले ओबामा के सामने पर्ची से पढ़ने पर अपने पीएम नवाज शरीफ की पाकिस्तानी मीडिया में जमकर आलोचना हुई है। हुआ यूं कि व्हाइट हाउस में ओबामा से हाथ मिलाने के लिए शरीफ ने जैसे ही हाथ बढ़ाया, उनके पास से एक पर्ची दिखाई दी। इस पर पाक मीडिया ने जमकर चुटकी ली। एआरवाय न्यूज के एंकर ने हंसते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि ओबामा के सामने शरीफ को पर्ची थमाकर बैठाया गया है और कहा गया उन्हें क्या बोलना हैं या हो सकता है ओबामा ने शरीफ के हाथ से पर्ची मांगी हो और शरीफ ने समझा कि वह हाथ मिला रहे हैं।
पाक मीडिया ने नवाज से पूछा था, “अमेरिका में क्या कर रहे हो?”
यूएन जनरल असेंबली में अमेरिका गए मोदी का भव्य स्वागत देखकर पाक न्यूजपेपर ‘द नेशन’ ने पाक पीएम की जमकर आलोचना की थी। न्यूजपेपर ने लिखा, “मोदी का ‘स्टार’ की तरह जोरदार स्वागत हो रहा है। वहीं, पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के पीछे तो कोई नजर ही नहीं आता। नवाज शरीफ आखिर वहां कर क्या रहे हैं?”
अमेरिका ने कहा था- कार्रवाई करो
– इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शरीफ से दो टूक कहा कि पाकिस्तान को बिना किसी भेदभाव के अपनी जमीन पर पल रहे सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
– इसके बाद शरीफ ने वादा किया कि पाकिस्तान आतंकी संगठन जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।
– इस पर भारत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान वादा निभाएगा।
– अमेरिका ने उन खबरों से इनकार किया है, जिनमें कहा गया था कि अमेरिका भारत जैसा न्यूक्लियर एग्रीमेंट पाक से भी करेगा।
भारत से अच्छे रिश्ते रखना पाक के लिए बेहतर : अमेरिका
शरीफ ने कहा, ”भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की असल वजह कश्मीर है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तीसरे देश की मध्यस्थता वक्त की मांग है। इस काम के लिए अमेरिकी विदेश विभाग सबसे सही होगा। भारत अगर कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की इजाजत नहीं देता है, तो भारत और पाकिस्तान के बीच कभी बात नहीं हो पाएगी।” हालांकि, इस पर अमेरिका ने दखल देने से मना कर दिया। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि वे सीधे बातचीत करें। हमें लगता है कि पाकिस्तान का भारत के साथ संबंध उसके भविष्य के लिए अहम है।”
क्या वादा किया है पाकिस्तान ने?
>अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाक पीएम नवाज शरीफ के बीच गुरुवार रात हुई मुलाकात के बाद एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया था। इसमें लश्कर और सईद के खिलाफ कार्रवाई करने के पाकिस्तान के वादे का भी जिक्र है। पाकिस्तान ने अमेरिका को इस बात के लिए राजी किया है कि वह भारत को बॉर्डर पर टेंशन कम करने जैसे सभी अहम मसलों पर बातचीत के लिए मनाए।
>ज्वाइंट स्टेटमेंट के मुताबिक, दोनों लीडर्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर मची अशांति पर चिंता जाहिर की। उन्होंने दोनों देशों की रजामंदी से भारत-पाक के बीच आपसी भरोसा बढ़ाने वाले कदमों और बेहतर मेकैनिज्म डेवलप करने की कोशिशों का समर्थन करने की बात कही।
>स्टेटमेंट के मुताबिक, अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों ही देशों ने भारत-पाक के बीच ठोस बातचीत जारी रखने की अहमियत पर जोर दिया।
>शरीफ ने ओबामा को यह भी भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान यूनाइटेड नेशन्स की ओर से घोषित आतंकियों और टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन्स के खिलाफ इंटरनेशनल कमिटमेंट्स और नॉर्म्स के हिसाब से कार्रवाई करेगा। बता दें कि पाकिस्तान के इस वादे से अब इंटरनेशनल कम्युनिटी की नजर हाफिज सईद पर है, जिसे पाकिस्तानी फौज और आईएसआईएस ने शह दे रखी है।
पाकिस्तान ने कैसे हमेशा दावे किए और हाफिज सईद पर कार्रवाई से बचता रहा?
भारत का आरोप पाकिस्तान का दावा
हाफिज सईद मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। उसी के कहने पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी भारत में घुसे थे। सईद ने एक-एक आतंकी से बात की थी। हाफिज सईद के बारे में हमारे पास कोई सबूत नहीं हैं। उसके नाम एक पासपोर्ट था जो 2006 में एक्सपायर हो गया। उसे रिन्यू नहीं कराया।
सईद एलओसी के आसपास रहता है। वहां लोगों को भड़काता है। आतंकी कैंप चलाता है। अजमल कसाब ने भी यह बात बताई थी। सईद जमात-उद-दावा नाम का चैरिटी ऑर्गनाइजेशन चलाता है। जमात सस्पेक्टेड लिस्ट में है, लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं हैं। जमात का कोई बैंक अकाउंट भी नहीं है।
पाकिस्तान की आईएसआई हाफिज सईद को बचाती रही है, जबकि उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है। आईएसआई का कोई रोल नहीं है। भारत बलूचिस्तान में पाकिस्तान विरोधी आतंकियों को भड़काता है।
सईद पाकिस्तान के अंदर बेखौफ और आजादी से कैसे घूमता है, जबकि यूएन ने उसे आतंकी करार दिया है। सईद पाकिस्तानी नागरिक है। उसके खिलाफ कानून के तहत ही कार्रवाई की जा सकती है।
सईद के संगठन जमात-उद-दावा को आप सालाना 6 से 8 करोड़ रुपए की मदद क्यों देते हैं? जमात चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन है। उसे सरकार वैसे ही मदद देती है, जैसी बाकी एनजीओ को देती है।
लश्कर के खिलाफ भी भारत के सबूतों को पाकिस्तान ने नाकाफी बताया
भारत ने डोजियर में यह कहा था लेकिन पाकिस्तान हर बात ठुकराता रहा
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने ही मुंबई हमलों को अंजाम दिया। लेकिन पाकिस्तान ने कार्रवाई नहीं की। लश्कर के सात आरोपियों पर पाकिस्तान में केस चल रहा है।
पाकिस्तान की एजेंसियों ने लश्कर के कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ पुख्ता जांच नहीं की। भारत ने जो सबूत दिए, वे नाकाफी हैं। इसलिए लखवी के खिलाफ केस कमजोर हो गया।
लखवी ने हाफिज सईद के कहने पर मुंबई हमलों की साजिश रची। ये दोनों पीओके में आतंकी कैंप चलाते हैं। ऐसे कोई सबूत नहीं हैं। सईद-लखवी के बीच लिंक के सबूतों को कोर्ट ने नहीं माना।
क्या वाकई वादा पूरा करेगा पाकिस्तान?
– पाकिस्तान के वादों में कितना दम है?
– पाकिस्तान मामलाें के जानकार और डिफेंस एक्सपर्ट सुशांत सरीन ने बताया- पाकिस्तान का वादा गंभीरता से लेने जैसा नहीं है। यह कोई पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ऐसी बातें कर रहा है। इससे मिलते-जुलते बयान पाकिस्तान के मंत्री और अफसर देते रहे हैं। लेकिन करते कुछ नहीं।
– क्या लश्कर और जमात पर कार्रवाई होगी?
– यूएन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा पर 6 साल पहले बैन लगा चुका है। लेकिन इस बीच पाकिस्तान ने क्या एक्शन लिया? यूएन ने पाकिस्तान से इन संगठनों के अकाउंट्स सील करने को कहा था। पाकिस्तान ने कुछ अकाउंट्स तो सील किए, लेकिन पर्दे के पीछे से इन आतंकी संगठनों को बड़ी रकम भी मुहैया करा दी।
– इस तरह की बातें करने के पीछे क्या है पाकिस्तान का मकसद?
– पाकिस्तान को अगर इंटरनेशनल लेवल पर कश्मीर का जिक्र करना होता है, तो बातचीत को बैलेंस करने के लिए वह आतंकवाद का जिक्र करता है। आतंकवाद पर कार्रवाई की भी बात करता है, लेकिन सिर्फ कश्मीर मुद्दे को आगे करना उसका मकसद होता है।

 

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button