अरबपति माल्या ने MP रहते हुए नहीं छोड़ा 6,000 का भी भत्ता

v Malyawww.tahalkaexpress.com लखनऊ। विजय माल्या भले ही अरबों की संपत्ति के मालिक हों, लेकिन फिर भी वह 6,000 रुपयों का मोह नहीं छोड़ पाते। सूचना के अधिकार (RTI) द्वारा प्राप्त एक जानकारी के मुताबिक माल्या जब राज्य सभा सांसद थे, उस दौरान सांसदों के लिए आवंटित 6,000 रुपये के भत्ते पर भी उन्होंने दावा किया। यह RTI बरेली में रहने वाले मुहम्मद खालिद जिलानी ने दायर की थी। जवाब में राज्य सभा सचिवालय ने खुलासा किया कि माल्या ने सांसद रहते हुए हर महीने 50,000 रुपये का अपना वेतन लिया।

जिलानी का कहना है कि वह RTI के जवाब से काफी हैरान हैं। उन्होंने कहा कि माल्या जिस तरह की आलीशान जिंदगी जीने के लिए मशहूर हैं, उसे जानते हुए इस खुलासे ने उन्हें चौंका दिया है। जवाब में यह भी बताया गया है कि हालांकि माल्या ने हवाई यात्रा के लिए आवंटित भत्ते को नहीं लिया, लेकिन सांसद को मिलने वाले बाकी सभी भत्तों को वह बराबर लेते रहे।
एक सांसद के तौर पर माल्या को मिलने वाले भत्तों में उनके निर्वाचन क्षेत्र के भत्ते के लिए दिए जाने वाले 20,000 रुपये भी शामिल थे। बाद में इस भत्ते को बढ़ाकर 45,000 रुपया कर दिया गया। ऑफिस के खर्च के तौर पर दिए जाने वाले खर्च के तौर पर माल्या ने जुलाई से सितंबर 2010 के लिए जहां 6,000 रुपये मासिक लिए, वहीं अपने कार्यकाल के बाकी महीनों में माल्या इस मद के लिए बढ़ाई गई 15,000 की राशि भी लगातार लेते रहे।

RTI द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक माल्या ने अपने आधिकारिक फोन नंबर का 1.73 लाख का फोन बिल भी जमा किया था। एक राज्य सभा सदस्य को 50,000 लोकल कॉल्स मुफ्त मिलते हैं। इतना जरूर है कि माल्या ने पानी व बिचली का बिल और अपनी दवाओं के खर्च का पैसा नहीं लिया।

माल्या को साल 2002 में एक स्वतंत्र सदस्य के तौर पर उनके गृह नगर कर्नाटक से राज्य सभा के लिए चुना गया था। उन्हें कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर का समर्थन मिला था। साल 2010 में उन्हें दूसरी बार राज्य सभा के लिए चुना गया था। इस बार उन्हें BJP और जनता दल-सेक्युलर का साथ मिला। उनका कार्यकाल इस साल जुलाई में खत्म होगा।

 

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