अलिगढ़ में 22 साल बाद बीजेपी की हार, नतीजों में मायावती के लिए छिपी है ‘खुशखबरी’

लखनऊ/अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद पहली बार निकाय चुनावों के नतीजे आ रहे हैं. ऐसे में चुनाव को सीएम होगी की पहली अग्निपरीक्षा भी माना जा रहा है. यहां की अलीगढ़ नगर निगम सीट पर बीएसपी ने भारी जीत दर्ज की है. 1995 में गठन के बाद यहां बीजेपी का ही मेयर बना है. लेकिन इस बार बीएसपी के मोहम्मद फुरकान ने करीब 12 हजार वोटों से जीत दर्ज की है.

नगर निगम सीट से बीजेपी प्रत्याशी राजीव अग्रवाल शुरू में आगे चल रहे थे. यहां से कांग्रेस ने मधुकर शर्मा, बीएसपी मोहम्मद फुरकान और सपा ने मुजाहित किदवई को चुनावी समर में उतारा है. शहर में पीने के पानी और सड़कों की बदहाली सबसे ज्यादा है और चुनाव इन्हीं प्रमुख मुद्दों पर लड़ा जा रहा है. पिछले चुनाव में बीजेपी की शकुंतला देवी को यहां से जीत मिली थी.

अलीगढ़ नगर निगम में 70 वार्ड आते हैं जबकि जिले में 2 विधानसभा सीटें हैं. विधानसभा चुनाव में भी यहां बीजेपी को जीत मिली थी. इसके अलावा जिले में 2 नगर पालिकाएं और 9 नगर पंचायतें हैं. चुनावी नतीजों के मद्देनजर प्रशासन ने विजय जुलूस और फायरिंग पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है. अलीगढ़ यूपी के उन इलाकों में एक है जिनका सांप्रदायिक इतिहास रहा है.

इस बार अलीगढ़ निकाय चुनाव में 53.25 फीसद वोट पड़े, जो पिछले चुनाव के 48.67 फीसद के मुकाबले करीब 5 फीसद ज्यादा रहे. नगर निगम क्षेत्र में 49.50 फीसद मतदान हुआ, पिछली बार यहां 42.99 फीसद वोट पड़े थे. निगर निगम में ईवीएम से वोटिंग हुई है और दोपहर तक नतीजे साफ हो जाएंगे.

सूबे की सत्ता पर काबिज बीजेपी + ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नगर निगमों की 16 में से 2 सीटें जीत ली हैं, जबकि 11 पर आगे चल रही है। वहीं बीएसपी ने इस चुनाव में अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया है। बीएसपी + ने एक सीट पर जीत दर्ज कर ली है जबकि 3 सीटों पर वह आगे चल रही है। इस जीत के साथ बीएसपी ने यूपी में अपनी वापसी के संकेत दे दिए हैं। वहीं इस चुनाव में नगर निगम की सीटों पर एसपी और कांग्रेस का अभी तक खाता भी नहीं खुल पाया है।

इतना ही नहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने गढ़ अमेठी में नगर पंचायत की सीट भी नहीं बचा पाए। यूपी निकाय चुनाव को 2019 लोकसभा चुनाव + के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था, ऐसे में बीजेपी ने निकाय चुनाव में बड़ी जीत के साथ 2019 के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर दी है।

अयोध्या में जीत से खुला बीजेपी का खाता
पहली बार नगर निगम बने अयोध्या में बीजेपी ने जीत के साथ खाता खोला है। बीजेपी के उम्मीदवार ऋषिकेश उपाध्यय ने धार्मिक नगरी से जीत हासिल की है। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही अयोध्या लगातार चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। इस सीट पर बीजेपी के लिए जीत कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है। इसका असर 2019 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यही वजह है कि निकाय चुनाव के दौरान इस सीट पर जीत बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था।

गोरखपुर में दिखा योगी का दम
सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में भी बीजेपी की जीत सुनिश्चित दिख रही है। इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सीताराम जायसवाल बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंदी से आगे चल रहे हैं।पहली बार सीएम बनने के बाद गोरखपुर में योगी + के नेतृत्व में कोई चुनाव लड़ा गया था। ऐसे में इस सीट पर सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।

लखनऊ में फिर बीजेपी की वापसी के संकेत
लखनऊ की हाईप्रोफाइल सीट पर एक बार फिर जीत का सेहरा बीजेपी के सिर बंधता दिख रहा है। लखनऊ में पहली बार महिला मेयर का चुनाव होना है और यहां बीजेपी की उम्मीदवार संयुक्ता भाटिया ने लगातार आगे चल रही हैं। लगातार दो बार मेयर रहे दिनेश शर्मा के उपमुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस सीट पर बीजेपी के लिए लड़ाई शुरू में थोड़ी मुश्किल दिख रही थी। पर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी एक बार फिर मजबूत स्थिति में दिख रही है।

मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी बीजेपी की जीत तय
उधर, पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बीजेपी की जीत लगभग तय है। यहां भी बीजेपी उम्मीदवार मृदुला जायसवाल लगातार आगे चल रही हैं। वाराणसी में पीएम के साथ सीएम योगी की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। ऐसे में यह सीट सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार था। सबकी निगाहें इस सीट पर लगी थीं।

अपने गढ़ को ढहने से नहीं बचा पाए राहुल गांधी
विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। कांग्रेस अपने गढ़ में भी सीटें बचाने में सफल नहीं हो पाई। खासकर सबकी निगाहें अमेठी पर थीं। संसदीय क्षेत्र होने के नाते यहां राहुल गांधी की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर थी। लेकिन राहुल यहां पार्टी की डूबती नैया को पार नहीं लगा पाए। अमेठी नगर पंचायत में बीजेपी ने जीत दर्ज की है।

बीएसपी की यूपी में वापसी के संकेत
लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद यूपी निकाय चुनाव में बीएसपी के प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया है। निकाय चुनाव में बीएसपी की का यह प्रदर्शन पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं। बीजेपी की सत्ता लहर में जहां नगर निगमों में कांग्रेस और एसपी का खाता भी नहीं खुल पाया वहां बीएसपी ने खुद को मजबूती से सामने रखा। बीएसपी ने दो सीटें जीतकर अपना दावा 2019 के लिए और मजबूत कर दिया है। अलीगढ़ से बीएसपी के उम्मीदवार मोहम्मद फुरकान ने जीत दर्ज की है। वहीं मेरठ में बीएसपी प्रत्याशी सुनीता वर्मा आगे चल रही हैं।

मथुरा में भी खिला कमल
उधर, पश्चिम यूपी की बात करें तो आरएलडी के गढ़ मथुरा में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के इस क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी मुकेश आर्य ने जीत दर्ज की है। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद अयोध्या की तरफ मथुरा भी लगातार चर्चा में है और सरकार ने इस सीट पर काफी फोकस किया है। निकाय चुनाव के परिणाम में भी यह दिखता है।

केशव मौर्य के घर में बीजेपी को झटका
निकाय चुनाव में पूरे प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद बीजेपी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के गृहनगर पंचायत सिराथू में हार का सामना करना पड़ा है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी भोला यादव ने जीत दर्ज की है।

नगर पंचायतों में भी बीजेपी को बढ़त
उधर, 198 नगर पालिका, 438 नगर पंचायत, 652 निकाय और 11995 वॉर्ड के लिए जारी मतगणना में भी बीजेपी बढ़त बनाती दिख रही है।

 

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