आंध्र प्रदेश: गोदावरी तट पर पुष्कर मेले में भगदड़, 14 लोगों की मौत, कई घायल


मंगलवार सुबह हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करने पहुंचे थे। भगदड़ मचने की वजह का पता नहीं चल पाया है। घायलों को फर्स्ट एड देकर नजदीक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मेले में तैनात अफसरों को मुस्तैद रहने को कहा है। पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर है। सूत्रों की मानें तो मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। ईस्ट गोदावरी के डिप्टी एसपी कुलशेखर ने बताया कि पवित्र गोदावरी नदी में आज सुबह डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थी। इसी दौरान लोग नदी की तरफ बढ़ने लगे और भगदड़ मच गई। गोदावरी के तट पर मंगलवार को जुटे श्रद्धालु 144 साल में एक बार होने वाले ‘गोदावरी महा पुष्करालु’ में शामिल होने आए थे। 12 दिन का यह मेला महाकुंभ की तर्ज पर ही होता है। इसमें तेलंगाना और आंध्र के लाखों लोग हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यह महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ से गुजरकर आंध्र तक जाने वाली 1465 किमी लंबी गोदावरी नदी के तट पर होता है। इस महा पुष्करालु में गोदावरी नदी में डुबकी लगाने की परंपरा है। आंध्र प्रदेश के ईस्ट और वेस्ट गोदावरी जिले में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कुल 263 घाट बनाए गए हैं। तेलंगाना में 106 घाट बने हैं। राजामुंद्री में पिछली बार 2003 में ऐसा मेला लगा था। लेकिन वह सिर्फ ‘पुष्करालु’ था। इस बार 144 साल बाद बने दुर्लभ संयोग के कारण यह ‘गोदावरी महा पुष्करालु’ है। इस बारे में राजामुंद्री के सरस्वती घाट के पुजारी आई. शंकरा शर्मा ने मीडिया को बताया कि इस साल बृहस्पति (ज्यूपिटर) सिंह (लिओ) राशि में प्रवेश कर रहा है। ऐसा ही मुहुर्त 144 साल पहले भी आया था। इसलिए यह महा पुष्करालु है। ऐसा अगला संयोग और महापुष्करालु 2159 में आएगा।
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