आखिर सूर्पणखा और राधे मां का अपराध क्‍या है?

kumar sauvirकुमार सौवीर

ताकतवर हिडम्‍बा पर सन्‍नाटा था, निरीह सूर्पणखा-राधे मां पर हल्‍ला
आप बलात्‍कार कर सकते हैं, उसे प्रणय-निवेदन की इजाजत तक नहीं

सन्‍दर्भ बेईमानी: जयललिता ने बेशुमार दौलत जुटा ली, आज वह सम्‍मानित हैं। लालू यादव ने पूरा बिहार चर लिया, वे नीति-कुशल माने जाते हैं। शरद कुख्‍यात चीनी माफिया हैं, राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। मायावती की तो एक माला तक पांच करोड़ तक की है।
सन्‍दर्भ सेक्‍स- एनडी तिवारी सम्‍मानित नेता हैं। हरिद्वार दुबे भाजपा के सम्‍मानित नेता हैं। अमरमणि और अमनमणि की तूती आज भी बजती है। एमपी के राघवजी मंत्री रह चुके हैं। सुखराम आज भी धमक रखे हैं।
सन्‍दर्भ भ्रष्‍टाचार: अपने भ्रष्‍टाचार को लेकर सुप्रीम कोर्ट से यादव सिंह शिकंजे में हैं। पूरी सरकार उन्‍हें बचाने को जुटी थी। इसके लिए दर्जनों वकीलों को भिड़ाया गया था। लोकायुक्‍त एनके मेहरोत्रा गजब आरोपों में हैं। सुषमा स्‍वराज संसद में रूआसी होती जा रही हैं। वसुंधरा राजे सिंधिया पर अब बुक्‍का मारने पर आमादा हैं।
सन्‍दर्भ अपराध: व्‍यापमं में पचास से ज्‍यादा लोगों की हत्‍या का आरोप है। यूपी के राममूर्ति वर्मा पर एक पत्रकार को जिन्‍दा फूंकने की साजिश का आरोप है। इसी मामले में एक कोतवाल समेत करीब आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज है। बाराबंकी के एक थानाध्‍यक्ष व दारोगा पर एक महिला पर बलात्‍कार में असफल होने पर उसे थाने पर ही जिन्‍दा जलाने का आरोप है। यूपी के दो पुलिस महानिदेशकों पर तबादलों पर भारी रकम उगाहने का आरोप है।
और तो और, याकूब के पक्ष में तर्क दर तर्क बुनने में पूरा देश का धर्मनिरपेक्ष समुदाय आज तक जुटा है। नावेद को बीएसएफ ने दबोचा तो अब वही लोग उसे नाबालिग और बच्‍चा-मेमना साबित कर रहे हैं।
फिर किस आधार पर राधे मां की छीछालेदर की जा रही है?
माना कि उसने एक हजार करोड़ से ज्‍यादा की सम्‍पत्ति जुटा ली। तो इससे हजार गुना तो निर्मल बाबा के पास है। इतना ही नहीं, इस देश में एक हजार से ज्‍यादा बाबा-बाबुनियों के पास इतनी सम्‍पत्ति है।
फिर राधे मां को क्‍यों गालियां दी जा रही हैं?
क्‍या इसलिए कि वह एक महिला है। उस पर आरोप है कि वह अपने निजी क्षणों में अपने कतिपय शिष्‍यों का चुम्‍बन करती है, अश्‍लील डांस करती है, सेक्‍सी बातें करती है।
तो इसमें दिक्‍कत क्‍या है? किसी महिला को अपने निजी क्षणों में अपने शारीरिक आवेगों को व्‍यक्‍त करने का अधिकार नहीं है क्‍या? क्‍या किसी स्‍त्री का कामुक होना अपराध है? क्‍या कोई महिला प्रणय-निवेदन नहीं कर सकती है?
अरे बहुत युग बीत चुका है श्रीमन। अब तो राधे मां को रिहा कीजिए। वह साक्षात सूर्पणखा की वंशज है। राधे मां ही तो द्वापर में हिडम्‍बा की वंश-बेलि का हिस्‍सा रही है। हिडम्‍बा ने भीम से प्रणय-निवेदन किया, तो कोई हंगामा नहीं हुआ। क्‍योंकि वह खुद सक्षम थी। भीम खुद ही उसकी क्षमता के सामने बौना थे। पूरा पाण्‍डव-कुल को उसकी सख्‍त जरूरत थी। उसके बेटे घटोत्‍कच की जरूरत पाण्‍डवों को थी, ताकि महाभारत वे जीत सकें।
फिर राधे मां और उसकी पुरखिन सूर्पणखा के प्रणय-निवेदन पर आपका खून क्‍यों खौलने लगा। इतना खौलने लगा कि आपने इन दोनों की नाक तक काट ली। त्रेता में सूर्पणखा ने प्रयण निवेदन किया कि तो राम-लक्ष्‍मण ने उसके नाक-कान काट लिये। और आज कलियुग में राधे मां ने एकांत में ही अपने आवेग का प्रदर्शन किया तो हल्‍ला मचा दिया आपने।
ऐसा मत कीजिए। आप भी तो बसों, टैम्‍पो, ऑटो, रिक्‍शा, भीड़,सिनेमाघर, बाजार, मेला-ठेला, शादी, ब्‍याह, बारात-निकाह और कॉलेज-‍ऑफिस में यही सब तो सार्वजनिक तौर पर या छिपे तरीकों से करते रहते हैं। तब ज्‍यादातर महिलाएं-युवतियां लोक-लाज व प्रपंच से बचने के लिए अपनी चुप्‍पी साध लेती हैं। लेकिन आज जब राधे मां ने एकांत में ऐसा करने की कोशिश की, तो आप धृतराष्‍ट्र की सभा के दु:शासन की तरह द्रौपदी-जैसा चीर-हरण पर आमादा हैं।
हिडम्‍बा तो बलशाली थी, तो आप अपने बिल में दुबके रहे। लेकिन आज यह तो स्‍पष्‍ट कर दीजिए कि आखिर सूर्पणखा और राधे मां का अपराध क्‍या है?

 

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