आज से दो दिन के मिशन अरब पर पीएम मोदी, अबू धाबी में स्वागत की बड़ी तैयारी

तहलका एक्सप्रेस, नई दिल्ली। पीएम मोदी का दो दिवसीय यूएई दौरा आज से शुरु हो रहा है. पीएम मोदी आज भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे अबू धाबी पहुंचेंगे. मोदी आज अबू धाबी और कल दुबई में रहेंगे. पिछले करीब साढ़े तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा है इससे पहले इंदिरा गांधी 1981 में यूएई गई थी.
पीएम मोदी व्यापार और सुरक्षा के अहम मुद्दों पर वहां के नेतृत्व से बातचीत करेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. मोदी आज जीरो कार्बन उत्सर्जन वाले और हाईटेक शहर Masdar जाएंगे. मोदी उसके बाद बिजनेस कम्युनिटी से मुलाकात करेंगे. फिर वह ICAD रिजीडेन्सियल सिटी का दौरा करेंगे जहां वह कामगारों से मुलाकात करेंगे. यात्रा के अगले दिन यानि 17 अगस्त को आबू धाबी की शाही शेख जायेद मस्जिद जाएंगे. मोदी उसके बाद दुबई के लिए निकल जाएंगे. मोदी यूएई के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान और यूएई के उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात करेंगे. भारतीय समयानुसार मोदी रात 9 बजे दुबई क्रिकेट स्टेडियम में प्रवासी भारतीय के कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में लगभग 40 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
क्या है इस यात्रा की खास अहमियत?
भारत से करीब 26 सौ किलोमीटर दूर पर बसा है संयुक्त अरब अमिरात. 34 सालों में ये पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमिरात यानी यूएई का दौरा कर रहा है. 1981 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यूएई का दौरा किया था. इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार से शुरू हो रही यूएई की यात्रा की खास अहमियत है. प्रधानमंत्री मोदी अबूधाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नयन के निमंत्रण पर यूएई की यात्रा पर जा रहे हैं. माना जा रहा है कि मोदी की यात्रा से दोनों देशों के आपसी संबंधो को ताकत मिलेगी जिसका सीधा फायदा यूएई में रह रहे करीब 20 लाख भारतीय प्रवासियों को होगा. एक अनुमान के मुताबिक भारतीय प्रवासियों का यूएई की कुल जनसंख्या में करीब 30 फीसदी हिस्सा है और यह एकमात्र ऐसा समुदाय है जो किसी खाड़ी देश में इतनी बड़ी तादाद में रहता है. जहां तक आर्थिक संबंधों की बात है दोनों ही देशों के बीच इस मामले में लंबे समय से बेहतर संबंध रहे हैं. अमरीका और चीन के बाद यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है. दोनों देशों के बीच करीब 60 अरब डॉलर का व्यापार है. पिछले वित्त वर्ष में जहां एक ओर भारत में यूएई में करीब 3 अरब डॉलर के सामान का निर्यात किया वहीं दूसरी ओर नई दिल्ली ने खाड़ी देशों से 28 अरब डॉलर के नॉन आयल सामानों का आयात किया. अरब देशों की कमान संभालने वाले ताकतवर देश यूएई ने भारत में करीब 8 अरब डॉलर का निवेश भी किया है.
प्रधानमंत्री की यूएई यात्रा से उम्मीद की जा रही है कि ऐसे समय में जब मोदी मेक इन इंडिया का नारा दिया है, यूएई भारत में बड़ी संख्या में निवेश करेगा. गौर करने की बात है कि साल 2013 में भारत और संयुक्त अरब अमिरात ने द्विपक्षीय निवेश संरंक्षण समझौता किया था जिसका उद्देश्य खाड़ी देशों से भारत में निवेश को आकर्षित करना था. 2014 में अपने यूएई के दौरे के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएई को भरोसा दिलाया था कि नई दिल्ली इस समझौते को पूर्ण रुप से लागू करेगा. अब प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि भारत यूएई के साथ और बेहतर संबंध बनाने और खाड़ी देशों से निवेश आकर्षित करने में कामयाब होगा. कहा जा रहा है कि भारत की नजर यूएई के करीब 800 बिलियन डॉलर के धन भंडार पर है. यूएई भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में काफी निवेश कर सकता है.
व्यापार और आर्थिक संबंधों के अलावा, प्रधानमंत्री की यात्रा का सबसे अहम उद्देश्यों में से एक ये भी है कि वो अरब विश्व में आईएसआईएस के खतरों से निपटने के लिए यूएई के संसाधनों का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं. जैसा कि हम जानते हैं इसके अलावा भारत आईएसआईएस की कैद में फंसे 39 भारतीयों की रिहाई के लिए यूएई की मदद ले रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री की यूएई की यात्रा के दौरान दोनों देश आतंकवाद-निरोधी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. प्रधानमंत्री की प्रत्येक विदेश यात्रा के दौरान जो सबका ध्यान अपनी तरफ खींचता है वो है उनका भारतीय प्रवासियों से रूबरू होना. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान दुबई क्रिकेट स्टेडियम में हजारों की संख्या में मौजूद भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे.
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