आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत-इजराइल, किये सात समझौते

यरूशलम। आतंकवाद और चरमपंथ के बढ़ते खतरे को लेकर साझी चिंता व्यक्त करते हुये भारत और इजराइल ने आपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये सहयोग पर सहमति जताई और आतंकी संगठनों तथा उनके प्रायोजकों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान किया। भारत और इजराइल ने विभिन्न क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये। अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत से सीधे तौर पर पीड़ित है और यही हाल इजराइल का भी है।

मोदी ने कहा कि अपनी बातचीत में उन्होंने और नेतन्याहू ने आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर और काम करने पर सहमति जताई। बाद में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिये बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिये अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
इसमें कहा गया, ‘उन्होंने जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।’ बयान में कहा गया कि नेताओं ने जोर दिया कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, उनके नेटवर्कों और उन सभी के खिलाफ जो उन्हें बढ़ावा, समर्थन, आर्थिक मदद और पनाह देते हैं, पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने कंप्रेहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) को जल्द अपनाने के लिये सहयोग पर भी प्रतिबद्धता जताई। इजराइल के दौरे पर आये पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ऐसे रिश्ते बनाने का है जिसमें हमारी साझा प्राथमिकतायें परिलक्षित हों और हमारे लोगों के बीच स्थायी संबंध बनें।’ दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण समेत सात समझौतों पर दस्तखत किये। भारत और इजराइल ने औद्योगिक शोध और विकास तथा नवोन्मेष के लिये 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कोष की स्थापना पर भी सहमति जताई है। दोनों देश इसके लिये दो-दो करोड़ डॉलर देंगे।

यरूशलम। आतंकवाद और चरमपंथ के बढ़ते खतरे को लेकर साझी चिंता व्यक्त करते हुये भारत और इजराइल ने आपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये सहयोग पर सहमति जताई और आतंकी संगठनों तथा उनके प्रायोजकों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आह्वान किया। भारत और इजराइल ने विभिन्न क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये। अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों द्वारा हिंसा और नफरत से सीधे तौर पर पीड़ित है और यही हाल इजराइल का भी है। मोदी ने कहा कि अपनी बातचीत में उन्होंने और नेतन्याहू ने आतंकवाद से लड़ने और अपने सामरिक हितों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर और काम करने पर सहमति जताई। बाद में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने माना कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थायित्व के लिये बड़ा खतरा है तथा उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिये अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया।   इसमें कहा गया, ‘उन्होंने जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।’ बयान में कहा गया कि नेताओं ने जोर दिया कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, उनके नेटवर्कों और उन सभी के खिलाफ जो उन्हें बढ़ावा, समर्थन, आर्थिक मदद और पनाह देते हैं, पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने कंप्रेहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) को जल्द अपनाने के लिये सहयोग पर भी प्रतिबद्धता जताई। इजराइल के दौरे पर आये पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ऐसे रिश्ते बनाने का है जिसमें हमारी साझा प्राथमिकतायें परिलक्षित हों और हमारे लोगों के बीच स्थायी संबंध बनें।’ दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण समेत सात समझौतों पर दस्तखत किये। भारत और इजराइल ने औद्योगिक शोध और विकास तथा नवोन्मेष के लिये 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कोष की स्थापना पर भी सहमति जताई है। दोनों देश इसके लिये दो-दो करोड़ डॉलर देंगे।

 

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