आत्महत्या के बारे में सोच रहे थे श्रीशांत

नई दिल्ली। किसी इंसान की जिंदगी में हुई एक दुर्घटना, कई बार उसे निराशा के गहरे अंधेरे में धकेल देती है। ऐसा ही हुआ था, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में फंसे क्रिकेटर श्रीशांत के साथ, जिन्होंने तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान आत्महत्या तक करने के बारे में सोच लिया था।
श्रीशांत ने जेल के दिनों का हाल बयां करते हुए कहा कि जब वह तिहाड जेल में थे तो आत्महत्या के बारे में सोच रहा थे । लेकिन अब उन्हें उम्मीद बंध गई है कि वह वापसी कर सकते हैं। तेज गेंदबाज श्रीशांत खुद पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए वह बीसीसीआई से संपर्क करेंगे। दिल्ली की एक अदालत ने श्रीशांत को पिछले सप्ताह 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले से बरी कर दिया था। श्रीशांत ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘मैंने बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा था कि मैं प्रतिबंध हटाने के लिए आग्रह कर सकता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों ने जो संकेत दिए हैं उससे मेरी उम्मीद बंधी है कि वे मेरे आग्रह पर विचार करेंगे। इसलिए मैं आवेदन भेजना चाहता हूं। मैं उनके (सचिव अनुराग ठाकुर) जवाब का इंतजार कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई के साथ अगली बैठक में बीसीसीआई उम्मीद के मुताबिक फैसला करेगा।’ भारत की तरफ से टेस्ट और वनडे खेलने वाले इस क्रिकेटर ने उस दौर के दर्द को भी बयां किया, जब उन्हें गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल में डाल दिया गया था और उन पर कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और उसके साथी छोटा शकील द्वारा चलाये जा रहे क्रिकेट के सट्टेबाजी रैकेट से जुड़े होने के आरोप लगाए गए थे। श्रीशांत ने कहा, ‘शुरु में मैंने आत्महत्या करने के बारे में सोचा। मैं भगवान इतुमानूराप्पन (केरल के मशहूर इतुमानूर महादेवार मंदिर में भगवान शिव) के प्रति मेरी श्रद्धा और मेरे परिवार के सहयोग से ही इससे उबर पाया।’ श्रीसंत से पूछा गया कि क्या उन्हें बीसीसीआई से अनुकूल जवाब की उम्मीद है जिसकी भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) के मुख्य सलाहकार दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार हैं, इस क्रिकेटर ने कहा, ‘आखिरकार वह भी इंसान हैं। उनका भी दिल है।’
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