आधे से ज्यादा रेप आरोपी 18 से 25 के बीच

तहलका एक्सप्रेस, नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बी.एस.बस्सी द्वारा जारी किए गए एक अध्ययन के नतीजे के मुताबिक साल 2015 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार ज्यादातर आरोपी 18 से 25 साल के उम्र के हैं।
कमिश्नर बस्सी ने कहा, ‘हम महिलाओं के साथ व उनके खिलाफ हो रहे अपराधों को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। हम महिलाओं से अपील करते हैं कि अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अपराध के लिए वह पुलिस में शिकायत करें ताकि जल्द-से-जल्द कार्रवाई की जा सके।’
इस डेटा में सामने आया है कि कुल गिरफ्तार आरोपियों में से 105 की उम्र 18 साल तक की थी, जबकि 487 की उम्र 25 से 35 के बीच है। यह भी पाया गया कि 647 आरोपियों ने 10वीं क्लास तक की पढ़ाई की है, 318 आरोपी 12वीं पास हैं और 39 के पास स्नातक की डिग्री है। कुल आरोपियों में से 423 या तो निरक्षर थे या फिर उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 38.89 फीसद पीड़िता के दोस्त थे। इनमें से 25.31 फीसद आरोपी लिन-इन रिश्ते में पीड़िता के साथ रहते थे और उन्होंने शादी करने से इनकार कर दिया था। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि 16.69 फीसद आरोपी पीड़िता के पड़ोसी और 14.07 फीसद आरोपी पारिवारिक सदस्य हैं।
जांच में सामने आया है कि कुल बलात्कार की घटनाओं में से 85.02 फीसद मामले घर के अंदर या फिर झुग्गियों में हुए, 3.38 फीसद मामले होटेल और रेस्तरां में हुए जबकि बाकी मामले अलग-अलग जगहों पर हुए। यह भी पाया गया कि 60.83 फीसद बलात्कार के मामले आर्थिक रूप से कमजोर आयवर्ग के लोगों द्वारा दर्ज कराए गए।
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) का 2014 के लिए जारी किया गया डेटा बताता है कि 71 रेप पीड़िताएं 6 साल से कम उम्र की थीं, जबकि 806 पीड़िताओं की उम्र 18 से 30 साल के बीच पाई गई। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, ‘2015 में एब तक कुल 9,223 महिलाओं ने पुलिस कंट्रोल रूम में संपर्क किया। 39,502 ने हेल्पलाइन पर फोन किया और 25,549 रेप पीड़िताएं पुलिस थानों में गईं।’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा साल 2013 से 234 बीट शुरू की गईं और 300 बस स्टॉप पर विशेष तौर पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।
फिलहाल, दिल्ली में देर रात सफर करने वाली या किसी मुश्किल में फंस गई महिलाओं के लिए 859 पुलिस की गाड़ियां तैनात की जाती हैं। पुलिस विभाग ने बाइक से गश्ती और महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर आपातकालीन सेवा की गाड़ियां भी तैनात की हुई हैं।
दिल्ली पुलिस ने अपने एक प्रस्ताव में दिल्ली के सभी स्कूलों में लड़कियों के लिए अनिवार्य स्वरक्षा कार्यक्रम लागू किए जाने की बात कही है। पब्लिक ट्रान्सपोर्ट का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने विशेष दस्ता बनाया है। इस दस्ते में शामिल पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में पब्लिक ट्रान्सपोर्ट में सफर कर इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसी महिला को सुरक्षा संबंधी कोई दिक्कत ना हो।
पुलिस ने बसों व सार्वजनिक स्थानों में गंदी और अशोभनीय फब्तियां कसने वालों और महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वालों को पकड़ने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है। इसका नाम ऑपरेशन शिष्टाचार रखा गया है।
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