आरटीआई आवेदकों को दस्तावेज खोजने कार्यालयों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

मुंबई। सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगने वाले आवेदकों को अब सरकारी दस्तावेजों को खोजने संबंधित कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सोमवार को राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है।
शिकायत के बाद सरकार ने उठाया कदम
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किया है। शैलेश गांधी ने राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि आवेदनकर्ता को जन सूचना अधिकारी अपने कार्यालय में बुलाकर सरकारी फाइलों का गट्ठर थमा देते हैं। इसमें से उनको आवश्यक दस्तावेज खोजने को कहते हैं। इस कारण आवदेकों को बार-बार कार्यालय में जाना पड़ता है।
क्या कहा शासनादेश में
सरकार द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सूचना अधिकार कानून के तहत आवदेनकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी यदि बहुत व्यापक स्वरूप की न हो तो आवेदक को संबंधित कार्यालय में बुलाने की जरूरत नहीं है। यदि आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी व्यापक रूप में हो तभी आवेदनकर्ता को दस्तावेज देखने का मौका दिया जा सकता है। यदि आवेदक ने दस्तावेज देखने के लिए आवेदन किया है तो उसे कागजात देखने के लिए बुलाया जा सकता है।
आवदेनकर्ता को दस्तावेज देखने के लिए बुलाए जाने की स्थिति में यदि जन सूचना अधिकारी उस दिन महत्वपूर्ण कार्य से कार्यालय में उपलब्ध न हो तो उस अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी अपने सहायक को देनी होगी। ताकी आवदेनकर्ता परेशान न हो।
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