‘आसिम तो सिर्फ बानगी, 5 साल में आएंगे और मामले’

asim-ahmed-khanतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। अपनी सरकार के पूर्व मंत्री और ‘आप’ विधायक आसिम अहमद खान को मंत्री पद से हटा कर अरविंद केजरीवाल ने भले संदेश दिया हो कि भ्रष्टाचार को लेकर उनकी सरकार की सख्त नीति कायम है, लेकिन इस कदम के चलते ‘आप’ पार्टी अपने पुराने साथियों के निशाने पर आ गई है। ‘आप’ के पुराने सदस्यों का कहना है कि ‘आप’ विधायकों पर ऐसे बहुत सारे मामले होंगे जो पांच साल के भीतर सामने आ जाएंगे। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने रविवार शाम सभी विधायकों के साथ बैठक करके उन्हें चेतावनी देने के बात कही।

2015 के हुए चुनाव से पहले पार्टी के वरिष्ठ सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने 12 ऐसे उम्मीदवारों की सूची बनाई थी, जिनका रिकॉर्ड संदिग्ध था। इस मामले को पार्टी लोकपाल के पास भेज दिया गया था और दो उम्मीदवारों के खिलाफ ऐक्शन लिया गया। लेकिन, बाकी 10 उम्मीदवारों ने विधानसभा चुनाव में भाग लिया था। इस मामले की वजह से ‘आप’ में बड़ी दरार आ गई थी, जिसका समापन इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के निष्कासन के साथ हुआ। यह पार्टी का निर्णय बताया गया था।

आसिम का नाम इस लिस्ट में नहीं था, क्योंकि पार्टी के पुराने लोग इन्हें ‘न्यूकमर’ कहते हैं। आसिम कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में शामिल हुए थे। पार्टी के ही एक सदस्य ने कहा, ‘जब पार्टी ने बाहरी लोगों को पार्टी में शामिल होने की अनुमति दी थी, तब इसका एकमात्र उद्देश्य चुनाव जीतना था। पार्टी के बहुत से नेताओं का उद्देश्य सिर्फ राजनीति करना है। उन्हें पार्टी के भ्रष्टाचार से लड़ने के विजन से कोई मतलब नहीं है। खान का मामला तो सिर्फ एक बानगी है। अभी इस तरह के कई मामले सामने आएंगे।’

‘आप’ के पूर्व नेता और इन दिनों स्वराज अभियान में काम कर रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि ‘आप’ सरकार को आसिम खान के खिलाफ पाई गई ऑडियो क्लिप के बारे में पहले से जानकारी होनी चाहिए थी। इसी बीच पार्टी संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी, ‘कल शाम को सभी विधायकों और उनके परिवारों के साथ बैठक होगी। इसमें उन्हें याद दिलाया जाएगा कि हम राजनीति में क्यों आए हैं। सभी को चेतावनी दी जाएगी कि असीम खान जैसा मामला दोबारा नहीं होना चाहिए।’

यादव ने कहा, ‘मैंने इस टेप के बारे में लगभग तीन सप्ताह पहले सुना था। किसी ने मेरे पास आकर इसकी जानकारी दी थी। उस व्यक्ति ने खासतौर पर आसिम का नाम लिया था और आरोप लगाया था कि आसिम ने छह लाख रुपए की रिश्वत ली है। मैंने उस व्यक्ति से मुझे ऑरिजनल ऑडियो उपलब्ध कराने के लिए कहा था जो मुझे नहीं मिली और इसीलिए मैंने कुछ नहीं कहा।’

पार्टी के ही एक अन्य पूर्व सदस्य ने सरकार पर डरने का आरोप लगाया। इस सदस्य के मुताबिक सरकार इस टेप के सार्वजनिक होने से डर रही थी और इसी वजह से उसने खुद ही इसकी घोषणा करने का फैसला लिया। इस मामले में आसिम खान ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जवाब देने की बात कही है।

 

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