इंसेफ्लाइटिस व संक्रामक बुखार को लेकर हाई अलर्ट जारी

dimagiतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में इंसेफ्लाइटिस व संक्रामक बुखार को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है| विशेष सचिवों की रिपोर्ट के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग सक्रिय हुआ है। अब विशेष सचिव सीधी नजर रखेंगे और गोरखपुर से इसकी शुरुआत होगी। इंसेफ्लाइटिस से हो रही मौतों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सख्त रुख अख्तियार किया है। डेंगू के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंसेफ्लाइटिस व डेंगू सहित सभी तरह के संक्रामक बुखार पर सभी मेडिकल कालेजों को हाई अलर्ट रहने को कहा है। उनसे बुखार का कोई भी मरीज आने पर किसी भी तरह की लापरवाही न करने की बात भी कही गयी है। संक्रामक बुखार के संबंध में दैनिक रिपोर्ट भेजने के साथ मेडिकल कालेज प्राचार्यो से स्वयं सीधे नजर रखने को कहा गया है।

राजधानी लखनऊ में बीते 24 घंटों में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से छह बच्चों की मौत हो गयी। इनमें तीन की मौत किंग जार्ज चिकित्सा विविद्यालय के बाल रोग विभाग व ट्रामा सेंटर में हुई, जबकि तीन अन्य की मौत बलरामपुर अस्पताल में हुई। डाक्टरों का कहना है कि जापानी इंसेफ्लाइटिस के कम बच्चे आ रहे है, लेकिन एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे ज्यादा आ रहे है। लखनऊ से भी दिमागी बुखार से पीड़ित बच्ची को भर्ती कराया गया है।केजीएमयू के बाल रोग विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित कई बच्चे भर्ती है। इनमें से तीन की मौत हो गयी।

मृत बच्चों के नाम सूरज, फैजाबाद की दिशा व सीतापुर की रिशु हैं। दिशा व रिशु को गंभीर हालत में यहां भर्ती कराया गया था। दोनों को वेंटीलेटर पर रखा गया था। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में हरदोई निवासी इशहाक गंभीर हालत में लाया गया। परिजनों ने बताया कि स्थानीय डाक्टरों ने दिमागी बुखार बताया था। इशहाक की भी इलाज के दौरान मौत हो गयी। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल में भी जाहिद व अंशी की दिमागी बुखार से मौत हो गयी। हालाकि अस्पताल प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल में पुराने लखनऊ की सायरा व सिविल में चारबाग के विजय नगर की एक बच्ची को दिमागी बुखार के लक्षण के आधार पर भर्ती किया गया।

चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.वीएन त्रिपाठी ने बताया कि इस समय जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और डेंगू को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। यदि किसी को तेज बुखार के साथ उल्टी, सिर दर्द, झटके आने और बेहोशी जैसी समस्या हो तो उसे तुरंत अस्पताल भेजा जाए। मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इन लक्षणों वाले मरीजों की जेई व डेंगू की अनिवार्य जांच कराई जाए।

 

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