इजरायल जाकर PHD कर ली तो JNU के इस प्रोफेसर का मुस्लिमों ने कर दिया बहिष्कार

नई दिल्ली। इजरायल को लेकर मुस्लिमों में इस कदर खराब परसेप्शन है कि वहां कदम रखना भी नहीं सुहाता है। इजरायल से नापसंदगी का आलम यह है कि जब जेएनयू का एक प्रोफेसर हिब्रू भाषा में वहां पीएचडी करने गया तो यहां उनके धर्म के लोगों ने बॉयकॉट कर दिया। खास बात रही कि इसमें उनके दोस्त यार और यहां तक कि परिवार के लोग भी शामिल रहे।

हालिया मोदी के इजरायल दौरे के बाद दोनों देशों के रिश्ते को लेकर खबरों का बाजार गरम है। ऐसे में जेएनयू के इस प्रोफेसर की कहानी आपको जरूर चौंकाएगी। इसीलिए हम आज इस प्रोफेसर की आपबीती आपको सुनाने जा रहे हैं।

प्रोफेसर की क्या है प्राब्लम

प्रो. खुर्शीद इमाम पहले  ऐसे शिक्षक हैं, जो कि यहूदियों की हिब्रू भाषा को भारत में सिखाते हैं। मगर यही उनकी विशेषता ही उनके लिए परेशानी का सबब बन गई है। उन्हें मुस्लिम छात्र बहुत हेय नजर से देखते हैं। मानो इजरायल जाकर उन्होंने कोई बुरा काम कर दिया हो। प्रोफेसर को तब और पीड़ा होती है, जब उनके अपने ही उन पर ताने कसते हैं।

क्या कहते हैं प्रोफेसर साहब

प्रोफेसर खुर्शीद कहते हैं कि एक बार उन्होंने अपने परिवार को ही यहूदियों की भाषा सिखाने की पहल की तो परिवार के लोग भड़क गए। मित्रों ने नाराजगी जाहिर की। कहा कि तुम इस्लाम के दुश्मनों के साथ गलबहियां क्यों करते हो। प्रो. खुर्शीद कहते हैं कि उन्हें  हिब्रू भाषा और यहूदी संस्करण के बारे में जानने की बहुत ललक थी, इस नाते उन्होंने इजरायल जाकर यह भाषा सीखने में जी-जान लगा दिया। मजे की बात है कि जब वे टोपी और दाढ़ी में  इजरायल पहुंचे तो वहां के लोग भी चौंक गए। चौंकना लाजिमी भी था क्योंकि मुस्लिम तो इजरायल का नाम सुनते ही नाक-भौं सिकोड़ते हैं।

 

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