इतिहास में आज: भारत ने जीता था 2012 U-19 विश्व कप, ऑस्ट्रेलिया को हराया था फाइनल में

टीम इंडिया इस सदी में दुनिया की टॉप क्रिकेट टीम में से एक रही है. भारत में क्रिकेट का हाल केवल सीनियर पुरुष क्रिकेट टीम ही नहीं बल्कि जूनियर क्रिकेट में भी काफी अच्छी होती जा रही है. इसी की एक बानगी सात साल पहले ऑस्ट्रेलिया के टाउंसविले में लिखी गई थी जब उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) की कप्तानी में भारत की अंडर 19 टीम ने तीसरी बार विश्व कप खिताब जीतने में कामयाबी हासिल की थी. 2012 में टीम इंडिया ने उन्मुक्त चंद की कप्तानी में यह कमाल किया था. टीम इंडिया की जीत इस बात की सबूत थी कि अब भारत में क्रिकेट की जड़ें गहरी हो चुकी हैं.

तीसरी बार मिला खिताब
इससे पहले टीम इंडिया ने पहली बार साल 2000 में अंडर 19 विश्व कप जीता था. उसके बाद यह उपलब्धि भारत के नाम विराट कोहली ने साल 2008 में की थी. इसके बाद तीसरी बार मुकाम उन्मुक्त चंद ने अपनी कप्तानी में यह खिताब टीम इंडिया ने जीता. इस मैच में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 14 गेंद शेष रहते छह विकेट से हरा कर इतिहास रचा था. इसके बाद यह सिलसिला यही नहीं रुका 2018 में एक बार फिर से यह खिताब टीम इंडया के नाम रहा.

आज के ये सितारे खेले थे उस मैच में
2012 में टीम इंडिया का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम से हो रहा था जिसमें कैमरून बैंक्रॉफ्ट और ट्रेविस हेड जैसे दिग्गज मौजूद थे जो आज ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम का हिस्सा हैं. टीम इंडिया की कमान उन्मुक्त चंद के हाथों में थी और उनकी टीम में हनुमा विहारी और संदीप शर्मा जैसे खिलाड़ी थे. विहारी फिलहाल वेस्टइंडीज में टेस्ट मैच खेल रहे हैं और संदीप शर्मा आईपीएल में हैदराबाद के अहम गेंदबाजों में से एक हैं. इस मैच मे टॉस उन्मुक्त चंद ने जीता था और पहले फील्डिंग करने का पैसला किया था.

विलियम बोसिस्तो ने खेली कप्तानी पारी
विलियम बोसिस्तो की कप्तानी में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही और जिमी पियरसन बिना खाता खोले ही संदीप शर्मा की गेंद पर बोल्ड हो गए. इसके बाद तीसरे ओवर में संदीप शर्मा ने तीसरे ओवर में कैमरून बैंक्रॉफ्ट को एलबीडब्ल्यू कर ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर ला दिया. इसके बाद मेरिक बुकनान और कुर्तिस पैटरसन 38 के स्कोर पर एक-एक करके आउट हो गए. फिर कप्तान बोसिस्तो ने ट्रेविस हेड के साथ पारी संभाली लेकिन हेड जल्दी ही 37 रन बनाकर रन आउट हो गए. इसके बाद टर्नर (43) ने कप्तान का साथ दिया लेकिन उनके आउट होने के बाद टीम के बाकी बल्लेबाज बोसिस्तो का साथ नहीं दे सके. बोसिस्तो 87 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे और ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को जीत के लिए 226 रन का टारगेट दिया.

उन्मुक्त चंद के शतक से जीती टीम इंडिया
226 का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत भी खराब रही और प्रशांत चोपड़ बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. इसके बाद अपाराजित ने कप्तान उन्मुक्त चंद का साथ दिया लेकिन वे 33 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद विहारी और विजय जोल भी जल्दी आउट हो गए. 97 पर चार विकेट गंवाने के बाद उन्मुक्त चंद ने शानदार शतक लगाते हुए समित पटेल की नाबाद हाफ सेंचुरी की मदद से टीम इंडिया को 14 गेंद शेष रहते ही जीत दिला दी. उन्मुक्त चंद ने 130 गेंदों में 111 रन की पारी खेली. उनकी इस पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया.

 

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