इधर राहुल बाबा ‘हम किसानों के मसीहा’ जुमला गाते रहे और उधर उन्ही के मंत्री के भाई किसानॊं का खाद खाते रहे

आये दिन राहुल बाबा चुनावी रेलियॊं में मॊदीजी से सवाल पूछते हैं कि किसानो के लिए मोदी जी ने क्या किया? किसानॊं का कर्ज़ा माफ़ क्यॊं नहीं किया? किसान आत्महत्या क्यॊं कर रहा है? वगैरा। और स्वयं को किसानॊं का मसीहा बताते हुए कहते हैं की अगर उनकी पार्टी सत्ता में आयेगी तो वे किसानों के विकास के लिये कदम उठाऎंगे। लेकिन शायद वे यह भूल गये हैं कि पिछले ६० साल से उन्ही की पार्टी देश पर शासन कर रही थी।

६० साल में उनकी काँग्रेस पार्टी ने किसानॊं के लिए क्यॊं कुछ नहीं किया। ६० साल की बात छॊडिए पिछले १० साल तो इनकी मताजी की यूपीए की ही सरकार थी तब उन्हॊंने किसानॊं के विकास के लिए कुछ क्यॊं नहीं किया। किसानॊं का भला करना तो छॊडिये इनके अपने मंत्री अशॊक गेहलॊत के भाई अग्रसेन गेहलॊत किसानॊं के लिए उपलब्ध करानेवाली खाद

तक को खा गये और इन्हे पता भी नहीं चला?! २००७ से २००९ तक किसानॊं को दिये जानेवाले खाद को अपने निजी स्वार्थ के लिए उपयॊग करने का आ रॊप अग्रसेन गेहलॊत पर लगा हुआ है। इस तरह से घॊटाला पार्टी का एक और खाद घॊटाला सामने आया है। वास्तव में जो  खाद किसानॊं के लिए उपलब्द कराया गया है वह बाहर से आयात किया जाता है। अग्रसेन गेहलॊत अपने भाई के सरकार के कार्यकाल में खाद के संरक्षक थे और कंपनी के डीलर थे। गेहलॊत शिप्पिंग बिल में गडबडी करते हुए मोरियेट पोटाश को औद्यॊगिक नमक बताते हुए निर्यात कर रहे थे। खाद अनुबंध में यह साफ़ साफ़ लिखा गया है कि यह खाद सिर्फ़ किसानॊं के उपयॊग के लिये ही बनाई गयी है और इसका उपयॊग सिर्फ़ किसान ही कर सकते हैं। अग्रसेन उस मध्यवर्ती सें जानते थे जो खाद की हेराफेरी और बिल में गडबडी करता था जिसके लिए उसे कमीशन भी मिलता था। अग्रसेन गेहलोत की निजी कंपनी अनुपम कृषी पर ५.४५ करॊड का जुर्माना भी इस गडबडी के लिए कस्टम्स द्वारा लगाया गया था।

यह पोटाश खाद बनाने के लिए चाहिए वह भारत में उपलब्ध नहीं है और इसे बाहर से आयात किया जाता है जो सब्सीडी दर में भारत को मिलता है। इसके अनुबंध में यह साफ़ तौर पे लिखा गया है की इसे केवल किसानॊं के खाद के लिए ही उपयॊग करें इसका गैर कानूनी उपयॊग करना अपराध है। लेकिन अग्रसेन गेहलॊत सारे नियमॊं को हवा में उडाते हुए किसानॊं के खाद को किसानॊं को ना देकर अन्य कंपनियॊं को बेचते थे। इतना की नहीं खाद की करीदी और बिकरी के बही खाते में गडबडी भी करते थे। सारा पैसा नकद के रूप में लिया करते थे। यह घॊटाला तब किया गया था जब केंन्द्र में मनमॊहन सिंग की और राजस्थान में अशॊक गेहलॊत की सरकारें थीं। मतलब यह की केन्द्र में राजमाता और युवराजा के नाकॊं के नीचे ही यह घॊटाला होता रहा और दोनॊं माँ-बेटे चुपचाप देखते रहे।

जिनके अपने ही मंत्री घॊटाले में डूबे हुए थे और देश का पैसा खा रहे थे वे आज मॊदी जी से जवाब माँग रहे हैं। पहले ये लॊग अपने कुशासन के लिए देश की जनता को जवाब दे कि इतने घॊटाले किए हैं वे सारे पैसे गये कहाँ। यूपीए के कार्यकाल में जितने घॊटाले हुए हैं उसमें से आधा पैसा भी अगर देश के विकास के लिए खर्चा करते तो आज किसानॊं का यह हाल न हॊता। तो अब राहुल किसानॊं को जवाब दें की आखिर उनके मंत्री के भाई जब किसानॊं का खाद खा रहे थे तब वे कहाँ थे?

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button