इन 5 बड़ी वजहों से बाजार में मचा है ‘हाहाकार’

sensex-newतहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि

मुंबई। वैश्विक बाजारों में जोरदार गिरावट के मद्देनजर भारतीय शेयर बाजारों में भी जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक शुरुआती कारोबार के दौरान करीब 1000 अंक लुढ़ककर 26,359.53 पर और निफ्टी भी 250 अंक टूट कर 8000 के नीचे पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया भी और कमजोर होकर 66.47 के स्तर पर गिर गया, जोकि 2 साल का सबसे निचला स्तर है। बाजार में इस हड़कंप के क्या कारण हैं, आइए इनके बारे में जानते हैं…

चीन का ‘तूफान’
शुक्रवार को चीन में खराब मैन्युफैक्चरिंग डेटा आने के बाद चीन के बाजारों में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। चीन ने रविवार को आश्चर्यजनक तौर पर एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने 547 अरब डॉलर के पेंशन फंड को उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुजर रहे देश के स्टॉक मार्केट में लगाने की मंजूरी दी पर यह दांव भी खोखला साबित हुआ। सरकार के इस कदम के बावजूद चीनी बाजार नहीं संभल रहे हैं।

संकट से घिरी वॉल स्ट्रीट
शुक्रवार को यूएस बाजारों ने भी एक दिन की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की, जो कि 2011 के बाद सबसे निचला स्तर था। चीन में गहराती मंदी से पूरी दुनिया घबराई हुई है।
शुक्रवार को चीन का पीएमआई डेटा खराब आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्‍ट्रीट में पिछले 4 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 530.94 पॉइंट गिरकर 16,459.75 अंक पर बंद हुआ, एसऐंडपी 500 में 64.84 अंक की गिरावट आई और यह 1970.89 पर बंद हुआ। नैसडेक कंपोजिट 171.45 अंक गिरकर 4706.04 के स्‍तर पर बंद हुआ। अगले हफ्ते निवेशकों की नजर हाउसिंग डाटा पर होगी, जिसके मजबूत रहने की उम्‍मीद है और दूसरी तिमाही के जीडीपी नंबर्स पर भी निवेशकों की चाल निर्भर होगी।
क्रूड का मसला है बड़ा
एशिया में सबसे बड़ा पहलू है तेल की कीमत। इसका सबसे बड़ा व्यापार है और इससे जुड़ा छोटे से छोटा पहलू बाजार पर असर डालता है। चीन के ‘तूफान’ से क्रूड की कीमतों में भी ऐतिहासिक गिरावट आ रही है।
ब्रेंट ने सोमवार को 6 साल की सबसे निचली गिरावट दर्ज की। यूएस वेस्ट टेक्सस ने 40 डॉलर प्रति बैरल जबकि ब्रेंट 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे फिसल गया। बाजार चीन की धीमी आर्थिक वृद्धि और चीन में फैक्ट्री उत्पादन गिरने को लेकर चिंतित है।
निवेशकों की चाल से बाजार बेहाल
बाहरी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 2000 करोड़ निकाल लिए हैं। चीन के बाजार और अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों में डर है, जिस वजह से निवेशक भारतीय बाजार से पैसा खींच रहे हैं।
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। शंघाई कम्पोजिट 7.25 फीसदी गिरकर 3,270 के स्तर पर आ गया। जापान का निक्केई 3 फीसदी से ज्यादा गिरकर 18,850 के नीचे पहुंच गया। हैंग सेंग में 4.25 फीसदी की तेज गिरावट दिखी। कोरियाई कोस्पी में भी 2.2 फीसदी की कमजोरी है। ताइवान का इंडेक्स करीब 7 फीसदी गिरकर 7,300 के नीचे पहुंच गया।
ग्रीस छोड़ गया मुसीबत
आर्थिक संकट से घिरे ग्रीस के पीएम अलेक्सिस सिप्रास ने बीते दिनों इस्तीफा दे दिया था। नया बेलआउट पैकेज लाने के बाद से ही सिप्रास का विरोध बढ़ता जा रहा था। बताया जा रहा है कि सिप्रास के फैसले का विरोध उनकी ही पार्टी के लोग कर रहे हैं। ग्रीस संकट से भी दुनिया चिंतित है।

 

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