इस्लाम का अँधेरा सच जो फ्रांस की मस्जिदों में छिपा था

पश्चिम हाल ही के दिनों में आतंकवाद का नया उपरिकेंद्र रहा है। अमेरिका में बार-बार घातक हमले हुए हैं। फ्रांस, जर्मनी,इंग्लैंड और कई अन्य देश भीषण आतंकवादी हमलों के शिकार हुए हैं।
नवंबर 2015 में पेरिस में हुए दिल दहलानेवाला हमलों को कोई भी भूल नहीं सकता। इस हमले में 130 से ज्यादा लोग मारे गए और 350 से अधिक लोग घायल हो गए। पश्चिम और दुनिया के बाकी हिस्से को ये हमला गहरे सदमे में ले गया।
फ्रांस ने बदला लेने की कसम खाई, उसने आईएसआईएस कैंपों पर हवाई हमलों के आयोजन के साथ-साथ,अपने लोगों के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों के बारे में अधिक जानने की कोशिश की।फ्रांस की मस्जिदों पर छापे भी मरवाए।
पेरिस के हमलों के बाद 200 से अधिक मस्जिदों पर छापे मारे गए हैं, और फ्रांस पुलिस के एक ऐसे छापे में हैरान करने वाली बात सामने आई है। उन्हें आईएसआईएस प्रचार वीडियो के बक्से के साथ 7.62 कलशनिकोव बारूद का एक बड़ा संग्रह मिला है । पुलिस को अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के पीछे छिपा हुआ एक रिवाल्वर मिला जो फ्रांस में जिहाद को कैसे फैलाया जाये इस बारे में बताता है।
उन्होंने जिहाद के समर्थकों की स्तुति करते हुए मंत्रों की रिकॉर्डिंग को पाया।यह अघोषित मदरसों में पाया गया था।फ्रांस ने लगभग 230 मुस्लिमों को गिरफ्तार किया और 2300 से अधिक जगह पर छापा मारा। उन्हें गुप्त स्थानों में 300 से अधिक हथियार भी मिले थे।
फ्रांस के आंतरिक मंत्री बर्नार्ड कैज़नेव ने कहा, “हम 15 दिनों में युद्ध-श्रेणी के हथियारों की एक तिहाई जब्त कर चुके हैं जो हम आमतौर पर एक वर्ष में जब्त करते हैं।”
यह स्वाभाविक है कि कुछ लोग धर्म के भेद में अपने वास्तविक इरादों को छुपा रहे थे। और एक पवित्र स्थान जैसे मस्जिद से बेहतर इसके लिए कोई स्थान नहीं है जो बहुत अधिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है।
पश्चिम में आतंकवाद के लगातार खतरे की वजह का एक कारण ये है कि उन्होंने आतंकवाद को उसके सही रूप में कभी नही समझा ये एक ऐसी बीमारी है जो अपनी जड़ें दुनिया के हर कोने में फैला सकती है। उन्होंने इसे केवल एक कानून और व्यवस्था की समस्या के रूप में देखा जिससे कई देश पीड़ित हैं। और संभवतः इन देशों के लिए ये बहुत महंगा साबित हो रहा है।
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