एक बार फिर फेल हुई छोटा राजन को मार गिराने की दाऊद की योजना

chhota-rajan (1)तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ छोटा शकील ने अपने दुश्मन छोटा राजन को खत्म करने का ‘फाइनल प्लान’ बनाया था। कई बार राजन को मारने में असफल रहे शकील ने उस जगह का भी पता लगा लिया था, जहां ‘हिंदू डॉन’ छिपा हुआ था। मगर आखिरी वक्त में उसका प्लान फेल हो गया।
दाऊद को किसी ने इस बारे में जाकारी दे दी कि डी कंपनी एक बार फिर उसी तरह से हमला करवाने की तैयारी में है, जैसा कुछ साल पहले बैंकॉक में किया गया था। इससे हरकत में आते हुए राजन अंडरग्राउंड हो गया। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के हाथ वह खुफिया जानकारी लगी है, जिससे पता चलता है कि छोटा शकील ने किस तरह से राजन को मौत के घाट उतारकर अपने बॉस दाऊद का सपना पूरा करने की योजना बनाई थी। यह भी साफ होता है किसी वक्त डी कंपनी में नंबर 2 रहा राजन कैसे बच निकला। इंटरसेप्ट की गई फोन कॉल्स से पता चलता है कि इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के कराची से भारत के एक खास हिस्से में बहुत ज्यादा फोन किए गए। ये फोन नेपाल में लिस्टेड WLL नंबर (00971504******) से किए गए थे। इंटेलिजेंस एजेंसियां हमेशा दाऊद के खास आदमी पर निगाह रखती हैं। वे हिंदू और उर्दू में की जा रही पूरी बात सुन रही थीं। उन्हें पता चला कि किस तरह से वह छोटा राजन को मारने की योजना बना रहा है और उसके करीबी शख्स को अपनी तरफ मिलाने में कामयाब हो गया है।
फोन कॉल्स में राजन के खास शख्स को उसका पता बताने के लिए ललचाया जा रहा था। शकील ने राजन के सहयोगी को अच्छा इनाम देने का वादा किया और कहा, ‘वह हमें बुरा बनाकर खुद देशभक्त बनता फिरता है। पिछली बार हम जरा सा चूक गए थे। बस तुम हमारी मदद करो, हम इस बार कोई गलती नहीं करेंगे।’ राजन के सहयोगी को अपनी तरफ मिलाने के लिए जाल फेंकते हुए कहा, ‘पावर यहां पर है, हमारे पास। वह तो भागता फिरेगा। यकीन मानो.. अगर तुम साथ देते हो तो तुम्हारा पूरा ख्याल रखा जाएगा।’ राजन का सहयोगी ज्यादा देर तक अड़ नहीं सका और उसने बता दिया राजन ऑस्ट्रेलिया के न्यूकासल में है। इसके बाद मिडल-ईस्ट के एक देश से तुरंत शूटर्स को शकील ने ऑस्ट्रेलिया रवाना कर दिया। शकील का इरादा पक्का था कि इस बार राजन को किसी भी कीमत पर खत्म करना है। मगर इस बार भी किस्मत ने शकील का साथ नहीं दिया, क्योंकि राजन का कोई रहस्यमी शुभचिंतक भी शकील के इरादों की जानकारी रख रहा था। उसने राजन को खबर दे दी और वह अंडरग्राउंड हो गया। कुछ ही घंटों में छोटा राजन ऑस्ट्रेलिया छोड़कर ऐसी जगह चला गया, जिसके बारे में शकील को जानकारी देने वाले ‘भेदी’ को नहीं पता था। इस बारे में जब दाऊद और शकील पर नजर रखे भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से संपर्क किया गया तो उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने यह जरूर कन्फर्म किया कि डी कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में राजन को मारने का प्लान बनाया था, मगर वे नाकामयाब रहे। राजन उम्र के साथ थोड़ा सुस्त पड़ गया है और दाऊद को उससे उतना खतरा नहीं है, जितना उसके अलग होने के वक्त था। मगर उसे मार गिराने का यह प्लान बताता है कि डी कंपनी के अंदर उसके लिए कितना गुस्सा है। राजन पर कई हमले हुए मगर हर बार वह बच निकला। साल 2000 में दाऊद के आदमियों ने बैंकॉक के भरे बाजार में उसे घेर लिया था। उसके ऊफर फायरिंग हुई थी और उसे कई गोलियां भी लगी थीं। बुरी तरह से जख्मी राजन बच तो गया, मगर वह पूरी तरह से फिट नहीं है। तब से लेकर आज तक वह कड़े सुरक्षा घेरे में रहता है, जिसे भेद पाना डी कंपनी के लिए आसान नहीं रहा है। मगर अप्रैल में डी कंपनी उसके एक करीबी को खरीदने में कामयाब रही।

 

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