एक महीने बाद पाकिस्तान ने फिर तोड़ा सीजफायर: 1 मजदूर की मौत, 3 जख्मी

नई दिल्ली/जम्मू। एक महीने की खामोशी के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान ने बॉर्डर पर एक फिर सीजफायर तोड़ा है। पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई जबकि 2 लोग जख्मी हैं। सीजफायर की तरफ से शुक्रवार शाम 5 बजे के आसपास बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान रेंजर्स ने सांबा सेक्टर में बीएसएफ चौकी पर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें भारतीय सीमा में चल रहे कंस्ट्र्क्शन के काम में लगे एक मजदूर की मौत हो गई जबकि 2 लोग घायल हो गए हैं।
बीएसएफ ने की जवाबी फायरिंग
बीएसएफ के प्रवक्ता के मुताबिक बीएसएफ ने पाक की फायरिंग के जवाब में फायरिंग की। इसके बाद शाम साढ़े पांच बजे के आसपास पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग रोक दी गई। प्रवक्ता के मुताबिक इस दौरान बीएसएफ चौकी के पास एक पुलिया बना रहे मजदूर इस फायरिंग की रेंज में आ गए। जिसमें तीन लोगों को गोलिया लगीं। इनमें से एक की अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में मौत हो गई, जबकि दो घायलों का सांबा के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है। सांबा के एसएसपी जोगिंदर सिंह के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर वायलेशन का यह मामला लगभग 1 महीने बाद सामने आया है। गौरतलब है कि इससे पिछले दिनों में पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार सीजफायर वायलेशन करता रहा है। इस तरह की घटनाओं में 12 सितंबर को दोनों देशों के अधिकारियों के बीच दिल्ली में हुई डीजी लेवल की बीतचीत के बाद बंद हो गईं थी।
डीजी लेवल की बातचीत में बनी थी फायरिंग रोकने पर सहमति
भारत-पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर फायरिंग बंद करने को लेकर 12 सितंबर को दिल्ली में दोनों देशों के बीच हुई डीजी लेवल की बातचीत के बाद रजामंदी बनी थी। ऐसा फैसला ढाई साल में चौथी बार चौथी बार लिया गया था। दिल्ली में बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच हुई इस बातचीत में बॉर्डर पर सीजफायर वॉयलेशन और घुसपैठ के मुद्दे पर हुई बातचीत को बेहद पॉजिटिव बताया गया था। बातचीत में पाकिस्तान की तरफ से डीजी पाकिस्तान रेंजर्स मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की, जबकि भारत की तरफ से बीएसएफ के डीजी डीके पाठक शामिल हुए।
दोनों देशों के बीच कब-कब बनी थी सीजफायर नहीं करने की रजामंदी?
– जनवरी 2013 : दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि वे एक-दूसरे पर फायरिंग नहीं करेंगे। कई दिनों की फायरिंग के बाद भारत-पाकिस्तान की आर्मी के बीच यह सहमति बनी थी। लेकिन बाद में पाकिस्तान सीजफायर तोड़ता रहा।
– जुलाई 2014 : भारत-पाकिस्तान के डीजी मिलिट्री ऑपरेशन्स के बीच एक बार फिर इसी तरह की रजामंदी बनी।
– अगस्त 2014 : बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स की एक यूनिट चिनाब रेंजर्स के बीच 35 मिनट की मीटिंग हुई। इसमें तय हुआ कि एक-दूसरे पर फायरिंग नहीं की जाएगी।
– सितंबर 2015 : जुलाई-अगस्त के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच भारी तनाव के बाद दिल्ली में बीएसएफ-पाक रेंजर्स के बीच मीटिंग हुई। इसमें भी फायरिंग नहीं करने पर सहमति बनी।
– अगस्त 2014 : बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स की एक यूनिट चिनाब रेंजर्स के बीच 35 मिनट की मीटिंग हुई। इसमें तय हुआ कि एक-दूसरे पर फायरिंग नहीं की जाएगी।
– सितंबर 2015 : जुलाई-अगस्त के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच भारी तनाव के बाद दिल्ली में बीएसएफ-पाक रेंजर्स के बीच मीटिंग हुई। इसमें भी फायरिंग नहीं करने पर सहमति बनी।
पाकिस्तान ने कितनी बार सीजफायर तोड़ा?
– रूस के उफा में 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बीच मुलाकात होने के बाद पाकिस्तान ने 95 बार सीजफायर तोड़ा है।
– अगस्त में पाकिस्तान ने 55 बार सीजफायर तोड़ा।
– इस साल पाकिस्तान ने अब तक 250 बार सीजफायर तोड़ा है।
– अगस्त में पाकिस्तान ने 55 बार सीजफायर तोड़ा।
– इस साल पाकिस्तान ने अब तक 250 बार सीजफायर तोड़ा है।
साल | पाक ने बॉर्डर और एलओसी पर कितनी बार तोड़ा सीजफायर | कितने जवान शहीद हुए | कितने आम लोगों की जान गई | कितने लोग प्रभावित हुए |
2015 में अब तक | 250 से ज्यादा बार | 17 | 24 | 8000 |
2014 | 430 बार | 41 | 26 | 2.08 लाख |
पिछले साल हुई थी 44 साल में सबसे भारी फायरिंग
पिछले साल अगस्त के बाद पाकिस्तान की भारी फायरिंग के कारण एलओसी के आसपास के गांवों के 32 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था। 1971 के बाद यह पहला मौका था, जब बॉर्डर और एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से इतनी ज्यादा फायरिंग हुई थी।
क्या है इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी?
पाकिस्तान से सटा इंटरनेशनल बॉर्डर 2313 किलोमीटर लंबा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में एलओसी 772 किलामीटर लंबी है। इंटरनेशनल बॉर्डर को बीएसएफ गार्ड करती है, जबकि एलओसी की हिफाजत आर्मी करती है। पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पर बीएसएफ की चौकियों को ज्यादा निशाना बनाता है।
कब हुआ था सीजफायर एग्रीमेंट?
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर एग्रीमेंट नवंबर 2003 में हुआ था। दोनों देशों के बीच यह तय हुआ था कि बॉर्डर और एलओसी पर फायरिंग नहीं होगी। लेकिन पाकिस्तान ने हर साल कई-कई बार सीजफायर तोड़ा है। इससे पहले 1949 में कराची एग्रीमेंट के बाद सीजफायर लागू हुआ था। बाद में, वाजपेयी सरकार के वक्त 2003 में दोबारा सीजफायर लागू हुआ।
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