एक साल में चार हजार किसानों ने की आत्महत्या, विपक्षी नेता मुंडे का आरोप

मुंबई। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने गुरुवार को सराकर पर निशाना साधा । मुंडे ने आरोप लगाया सरकार से किसान पूरी तरह से उपेक्षित हो चुका है। एक साल में 4 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने दावा किया कि यह तो सरकारी आंकड़ा है वास्तविक आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है। औरंगाबाद व अमरावती विभाग में एक-एक हजार किसानों ने मौत को गले लगाया है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि चुनाव के समय भाजपा ने दावा किया था कि उनको सत्ता मिली तो राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक करेंगे। लेकिन सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले सात महीने में ही 56 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया। यह राज्य पर पूरे कर्ज का 20 फीसदी है। मुंडे ने कहा कि शरद पवार के केंद्रीय कृषिमंत्री रहने के दौरान कपास का समर्थन मूल्य साढ़े पांच हजार रुपए था। अब यह भाव सिर्फ 3800 रुपए है। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4 हजार से घटकर 3 हजार पर आ गया है।
मुंडे ने बढ़ती मंहगाई के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया । दाल की कीमतें आसमान छू रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि पिछले चार महीनों के दौरान सरकार ने जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार के पहले सात महींने में ही महिला व बाल कल्याण मंत्री और शिक्षा मंत्री का नाम घोटाले में सामने आ चुके हैं। मुंडे ने कहा कि युति सरकार के एक साल के कार्यकाल में नागपुर में 250 हत्याएं हो चुकी है।
मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है, जिसे संभालने में वे असफल रहे हैं। आगामी 31 अक्टूबर को फडणवीस सरकार के एक साल पूरे हो रहे हैं। सरकार के एक साल के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुंडे ने कहा कि इस एक साल के भीतर मुख्यमंत्री अपने गृहनगर नागपुर में भी कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं रख सके हैं। वहां के व्यापारियों को अपनी सुरक्षा के लिए मोर्चा निकालना पड़ा।
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