कश्मीर के बारे में सोचना छोड़े पाक, पुराने दिन हुए हवा: सैयद अकबरुद्दीन

akbrudeenसंयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को साफ शब्दों मेंं जवाब देते हुए कहा है कि अब पाकिस्तान अपना पुराना रवैया छोड़े, वो समय अब पूरा हो चुका है। उसे अब कश्मीर के लिए अपनी निरर्थक खोज को छोड़ देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने महासभा में संगठन के कार्य पर महासचिव की रिपोर्ट विषय पर बोलते हुए पाकिस्तान को ये याद दिलाया।

सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दावे का कोई समर्थन नहीं कर रहा है। उसे कश्मीर की व्यर्थ खोज को छोड़ देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह हमेशा रहेगा। चर्चा के दौरान पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी की उन टिप्पणियों का दृढ़ता से खंडन किया जिनमें मलीहा ने कहा था कि भारत ने अपनी हालिया घोषणाओं और कार्रवाइयों से क्षेत्र में ऐसी स्थितियां पैदा की हैं जिसके कारण शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हुआ।

अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मंचों के गलत इस्तेमाल से हकीकत नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के पुराने रवैये का समय अब पूरा हो चुका है। अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताते हुए कहा कि कश्मीर पर उसके दावे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के महासभा में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बीच कोई समर्थन नहीं मिला।

अकबरुद्दीन ने कहा, कुछ समय पहले ही हमने उस एकमात्र आवाज को सुना है जिसमें मेरे देश के अभिन्न हिस्से पर दावा किया गया है। यह (आवाज) ऐसे देश से आई है जिसने खुद को आतंकवाद के वैश्विक केंद्र के तौर पर स्थापित किया है। इस तरह के दावे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच कोई समर्थन नहीं मिला। भारतीय दूत ने इस बात पर जोर दिया कि हाल में सम्पन्न संयुक्त राष्ट्र आम चर्चा के दौरान शरीफ के आधारहीन दावों को एक भी समर्थन नहीं मिला। मलीहा ने भारत के लक्षित हमले का जिक्र करते हुए कहा था, पिछले कुछ हफ्तों से भारत नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्र में बिना उकसावे के गोलाबारी कर रहा है। यह आज भी जारी है।

भारत ने मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की मांग की है लेकिन चीन, पाकिस्तान के दबाव में सुरक्षा परिषद कुछ करने को तैयार नहीं, अकबरुद्दीन ने साफ साफ कह दिया कि सुरक्षा परिषद अपना काम नहीं कर रहा है। यूएन में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने 15 देशों के सुरक्षा परिषद को जमकर सुनाया कि सुरक्षा और शांति का जो काम आपको करना था वो आप ठीक से नहीं कर रहे हैं। जैश के आतंकी मसूद अजहर के गुनाहों की लिस्ट भारत में लंबी है।

उरी हमला, पठानकोट हमला, संसद हमला भी मसूद अजहर कराया था। मसूद अजहर भारत का गुनहगार है। भारत ने यूएन से कहा है कि वो मसूद को आतंकी लिस्ट में शामिल करे लेकिन यूएन चीन के दबाव में फाइल पर कुंडली मारकर बैठ गया है। सुरक्षा परिषद सदस्य की हैसियत से चीन ने वीटो लगाकर मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने पर रोक लगवाई हुई है। अकबरुद्दीन ने कहा कि 6 महीने से यही विचार हो रहा है कि उन संगठन के नेताओं को बैन करना है या नहीं जिसके संगठन को उसने आतंकी माना हुआ है।

 

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