कश्मीर में मोदी सरकार को फेल दिखाने के लिए क्या ये विपक्ष की रणनीति का हिस्सा ?

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में हालात लगातार नियंत्रण से बाहर हो रहे है लेकिन केंद्र सरकार की कोई ऐसी नीति अभी नजर नहीं आ रही है जिससे कश्मीर के हालात सुधरे। जम्मू कश्मीर में बीजेपी की सहयोगी पीडीपी की ओर से भी अब यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर मोदी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी की राह पर क्यों नहीं बढ़ रही है। केंद्र की नाकामी को देखते हुए विपक्ष अब इस दिशा में प्रयास करना चाहता है। जानकारों की माने तो यह विपक्ष अब इस रणनीति पर चल रहा है जिसमे केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर फेल दिखाया जा सके। हालाँकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालात को सुधारने की दिशा में यह सरकार की ट्रैक-2 पॉलिसी भी हो सकती हैं।

जेडीयू नेता शरद यादव और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा इस काम को लेकर आगे आये हैं। इसी महीने दिल्ली में दोनों नेता कश्मीर को लेकर एक सम्मलेन करने वाले हैं। इस सम्मलेन में मनमोहन सिंह की अगुवाई में पी. चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, गुलाम अहमद मीर, तारिक हमीद कारा, रिगजिन जोरा और श्यामलाल शर्मा जैसे विपक्षी नेता भी हिस्सा ले सकते हैं।

शरद यादव और यशवंत सिन्हा पिछले साल भी अलगाववादियों से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रह चुके हैं। मनमोहन सिंह को हाल में जम्मू-कश्मीर पर नवगठित कांग्रेस कार्यक्रम नीति समिति का चेयरमैन नियुक्त गया है।

दिल्ली में इस महीने होने वाले इस सम्मलेन में कश्मीर के विभिन्न संगठन हिस्सा लेने वाले हैं। साथ में विशेषज्ञ, भाजपा सहित विभिन्न दलों के नेता, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला का साथ भी मिलता दिखाई दे रहा है।

 

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