कार-बाइक वाले खरीदते हैं पेट्रोल, वे भूखे नहीं हैं; टैक्स दे सकते हैं: मोदी के मंत्री

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथानम ने शनिवार को कहा कि सरकार टैक्स इसलिए लगा रही है ताकि गरीब अच्छी जिंदगी जी सकें। टूरिज्म विभाग में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कन्ननथानम पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतों पर सफाई दे रहे थे। उन्होंने कहा, “पेट्रोल डीजल कौन खरीदता है? ऐसा शख्स जिसके पास कार हो, बाइक हो। निश्चित रूप वो भूखे नहीं हैं। बता दें कि 3 साल के दौरान पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा ऊंचाई पर हैं। लेकिन, केंद्र ने डेली फ्यूल प्राइस रिवीजन पॉलिसी को जारी रखने की बात कही है।

कन्ननथानम ने कहा कि हम टैक्स इसलिए लगा रहे हैं ताकि गरीबों की जिंदगी अच्छी हो सके। आज जो पैसा इकट्ठा किया जा रहा है, उसे हम लोग चुराएंगे नहीं। पेट्रोल डीजल कौन खरीदता है? ऐसा शख्स जिसके पास कार हो, बाइक हो। निश्चित रूप वो भूखे नहीं हैं। ऐसा ही शख्स खरीदता है, जो पे कर सकता हो, तो उसे पे करना चाहिए।
हर गांव में बिजली होगी, शौचालय होंगे- मिनिस्टर
हम यहां कुचले हुए गरीबों की बेहतरी और अच्छे के लिए हैं। हम हर गांव में बिजली पहुंचना निश्चित करेंगे, घर बनाएंगे शौचालय बनाएंगे। इसमें बहुत पैसा लगेगा। इसलिए हम उन लोगों पर टैक्स लगा रहे हैं, जो टैक्स पे कर सकते हैं।
पेट्रोल के दाम 3 साल में हाईएस्ट लेवल पर
पेट्रोल-डीजल की कीमत 3 साल के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच चुकी है। बुधवार (13 सितंबर) को मुंबई में पेट्रोल 79.48 रु. और दिल्ली में 70.38 रु. लीटर बिका। इससे पहले एक अगस्त 2014 को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 80.60 और दिल्ली में 72.51 रु. रही थी। सरकार की स्कीम के मुताबिक, 16 जून से पेट्रोल-डीजल के दाम रोज बदल रहे हैं। तब से पेट्रोल 7.48% और डीजल 7.76% महंगे हो चुके हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि वह इसमें दखल नहीं देगी।
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने की बात कही
कीमतें बढ़ने पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था, ”सरकार रेट तय करने के तरीके नहीं बदलेगी। समय आ गया है कि जीएसटी काउंसिल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करे। टैक्स कम करने का फैसला फाइनेंस मिनिस्ट्री ही कर सकती है। ये बयान तब दिया गया, जब पिछले 4 महीने में केंद्र और राज्य सरकारें एक्साइज ड्यूटी के तौर पर 1.13 लाख करोड़ और तेल कंपनियां 17.5 हजार करोड़ रुपए वसूल चुकी हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की 3 वजह
सरकार के मुताबिक, अमेरिका में हार्वे-इरमा तूफान से क्रूड प्रोडक्शन पर असर पड़ा है। इसलिए क्रूड के दाम 15% तक बढ़ गए। हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल 18% और डीजल 20% महंगा हुआ है। सितंबर में भारतीय बास्केट क्रूड के दाम 171 रुपए प्रति बैरल यानी 5% बढ़ गए हैं।
और सच ये है… 4 महीने में सरकार ने 1.15 लाख करोड़ रुपए वसूले
1. कच्चा तेल: तीन साल में 46% तक सस्ता हो चुका है कच्चा तेल
पेट्रोल-डीजल की कीमतें तीन साल में सबसे ज्यादा हो चुकी है। पर इस दौरान कच्चे तेल का भारतीय बास्केट 46% से ज्यादा सस्ता हो चुका है। अगस्त 2014 में क्रूड 6291.91 रु. बैरल था, जो अब घटकर 3392.90 रु. हो चुका है। एक बैरल 159 लीटर के बराबर होता है।
2. लेकिन सरकार… पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 126% और डीजल पर 387% तक बढ़ा चुकी है
@पेट्रोल:अगस्त 2014 में एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए थी। अब 21.48 रुपए प्रति लीटर है। यानी 126% की बढ़त हुई है।
@डीजल:अगस्त 2014 में 3.56 रुपए थी। अब 17.33 रुपए प्रति लीटर है। यानी इसमें 387% का इजाफा हो चुका है।
73 हजार करोड़ रुपए चार महीने में केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी से वसूले।
42 हजार करोड़ रुपए राज्यों ने वैट से वसूले। दोनों मिलाकर 1.15 लाख करोड़।
फायदा: 26.65 रु. के पेट्रोल पर 36.44 रु. टैक्स, 7.29 रु. मार्जिन
ऐसे तय हो रही तेल की कीमत पेट्राेल डीजल
कंपनी की लागत 26.65 26.00
कंपनी का मार्जिन 4.05 4.54
डीलर को बेचा 30.70 30.54
एक्साइज ड्यूटी 21.48 17.33
डीलर का मार्जिन 3.24 2.18
वैट (दिल्ली) 14.96 8.67
खुदरा कीमत 70.38 58.72
(आंकड़े- रुपए प्रति लीटर में)
 

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