कितना नीचे जाएगा पाक? जवानों का सिर काटने को तैयार किए खास आतंकी

head-huntersनई दिल्ली। भारतीय सेना के जवानों का सिर काटने के इरादे से आतंकवादियों ने एक विशेष टीम बनाई है। विशेष रूप से सिर काटने के लिए प्रशिक्षित आतंकियों की यह ‘बॉर्डर ऐक्शन टीम’ सीमा के आसपास उन इलाकों में सक्रिय है जहां भारतीय सेना तैनात है। इसके अलावा ये आतंकी पुंछ के केजी सेक्टर में भी सक्रिय हैं। यह बात एक खुफिया रिपोर्ट में कही गई है। यह रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से मदद पा रहे आतंकवादियों के जमावड़े के बारे में है। मालूम हो कि 2013 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा के पास एक भारतीय जवान का सिर काट दिया था।

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, 2014 और 2015 के मुकाबले घाटी में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बांदीपुर से मिली एक जानकारी से संकेत मिलता है कि आतंकवादी उन लोगों पर हमले की साजिश बना रहे हैं, जिन्होंने बारामुला में झंडा फहराने के आयोजनों में हिस्सा लिया था। लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बारामुला जिले में हमले की साजिश रच रहे हैं। कुपवाड़ा और बारामुला में आतंकवादियों की सबसे ज्यादा सक्रियता देखी गई है।’

मल्टी-एजेंसी सेंटर की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि बांदीपुर, पुलवामा, बारामूला और अनंतनाग के सैन्य शिविर भी आतंकवादियों के निशाने पर हैं। पिछले हफ्ते भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जिन टेरर लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल हमला किया था, उनका जिक्र भी इस रिपोर्ट में है। इसमें कहा गया है, ‘इनपुट्स से केल, लिपा घाटी और दुधनियाल में आतंकवादियों के मूवमेंट का खुलासा हुआ है।’ इसमें कहा गया है कि उरी, नौगाम, तंगधार और माछील सेक्टरों से इंडिया में घुसपैठ करने की आतंकवादियों की साजिशों का भी पता चला है।

रिपोर्ट में आतंकवादियों के एक कमांडर हैदर खान उर्फ अबू हैदर का जिक्र है, जिसने PoK के कोटली में आतंकवादियों के साथ मीटिंग की थी, ताकि और पैसे खर्च कर सीमावर्ती इलाकों के लोगो को लुभाया जाए औरटेरर नेटवर्क बड़ा किया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, हैदर ने घुसपैठ के दौरान पाकिस्तानी आर्मी से कवर लेने की बात भी की थी। जुलाई में भारतीय सुरक्षा बलों ने बहादुर अली नाम के जिस आतंकवादी को पकड़ा था, उसने मुजफ्फराबाद के पास मंडाकुली में टेररिस्ट्स के लॉन्च पैड्स के कमांडर के रूप में अबू हैदर का नाम लिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल से सितंबर के दौरान 85 से ज्यादा आतंकवादियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की है। 2015 में यह आंकड़ा 31 का था।

 

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