किसके हिसाब से इंडियन जेलों में पर्याप्त इंतजाम हैं? वहां तो भीड़ और गंदगी है: माल्या के वकील

लंदन। विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले में गुरुवार को लंदन की वेस्टमिन्सटर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुुनवाई हुई। माल्या की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने प्रिजन एक्सपर्ट और यूरोपियन कमेटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ टॉर्चर के मेंबर डॉ. एलन मिशेल को कोर्ट में पेश किया। डॉ. मिशेल ने कहा, “भारत सरकार ने सामान्य तौर पर अपनी जेलों में माल्या के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं होने की बात कही है। लेकिन, ये पर्याप्त इंतजाम किसकी नजरों में हैं?’ डॉ. मिशेल ने कहा कि वहां की जेलों में भीड़ और गंदगी है। प्रिजन एक्सपर्ट के बयान पर सुनवाई आगे भी जारी रहेगी।

डॉ. मिशेल ने कोलकाता की अलीपुर जेल की विजिट का हवाला दिया। इसके अलावा उन्होंने चेन्नई की पुझल जेल में कैद 6 पूर्व ब्रिटिश सैनिकों से मिली जानकारी का हवाला दिया, इन्हें चेन्नई सिक्स का भी नाम दिया गया था, ये अब रिलीज किए जा चुके हैं। मिशेल ने कोर्ट में एक ब्रिटिश सैनिक से बातचीत का हवाला दिया, उन्होंने इस कैदी को प्रिजनर ए कहा। उन्होंने कहा, “चेन्नई सिक्स ने बताया था कि जेल में खुले में शौच होती थी, चूहे थे, कॉकरोच थे और सांप भी थे। एक बार उन्होंने जेल सुपरिंटेंडेंट को एक कैदी को लाठी से पीटते हुए भी देखा था।”

भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस (CPS) के बैरिस्टर मार्क समर्स ने कहा, “मिशेल ने एक बेनाम कैदी की बात का हवाला दिया है, जो भारत की दूसरी तरफ स्थित एक जेल में कैद था। हो सकता है कि प्रिजनर ए इस मौके अपने लिए मुआवजा पाने के एक प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल कर रहा हो। इन्हीं प्रिजन एक्सपर्ट के बुकी संजीव चावला के केस में दिए गए बयान में खामियां पाई गई थीं। चावला को तिहाड़ में भेजा जाना था, लेकिन इन्होंने कहा था कि वहां भीड़ है, हालात खराब हैं, हिंसा और बुरे बर्ताव जैसी खामिया हैं।” हालांकि, कोर्ट ने जेल की गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए चावला को मानवीयता के आधार पर छोड़ दिया था।

CPS ने कहा, “मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की तुलना इन हालात से नहीं की जा सकती है। यहां बैरक नंबर 12 में सारी सुविधाएं हैं और केवल 6 लोग कैद हैं। भारत पॉपुलेशन और आकार दोनों ही नजरिए से एक बड़ा देश है। हर राज्य की जेलों की हालात एक-दूसरे से काफी अलग हो सकती हैं।

डॉ. मिशेल ने माल्या की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि डायबिटीज, िदल की बीमारी, सांस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियों में लगातार निगरानी और हेल्दी डाइट की जरूरत होती है।  CPS ने कहा, “ऑर्थर रोड जेल में 4 डॉक्टरों का स्टाफ है। एक डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी पर रहता है। इसके अलावा 4 नर्सिंग स्टाफ भी असिस्टेंस के लिए रहता है। मुंबई सेंट्रल जेल जहां 3000 कैदी रहते हैं। ऐसी जेल के लिए यूके में 12 फुल टाइम मेडिकल स्टाफ और 60 नर्सों की जरूरत होती है।”

भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के वकील ने कुछ महीने पहले यूके की कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि उसके क्लाइंट को खास सुविधाओं की जरूरत है और भारत की जेलें उसके लायक नहीं हैं। इसके जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि मुंबई की जेलें माल्या के रहने के लायक हैं। यहां जेल मैन्युअल के हिसाब से सभी सुविधाएं और सुरक्षा मौजूद है।

इससे पहले कोर्ट में माल्या के वकीलों ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट लॉरेंस सेज का स्टेटमेंट पेश किया था। इसमें लॉरेंस ने ये कहते हुए सीबीआई और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) पर सवाल उठाए थे कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के दौरान सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता कहा था। हालांकि, भारत की ओर से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने सेज के एक्सपर्ट कमेंट पर कहा कि माल्या के डिफेंस में लाए गए पॉलिटिकल एक्सपर्ट का स्टेटमेंट जिन तथ्यों पर आधारित है, उनमें खामियां हैं।

2 मार्च 2016 से ही माल्या लंदन में रह रहा है। ईडी और सीबीआई को माल्या की तलाश थी। भारत ने इस साल 8 फरवरी को ब्रिटेन से उसके एक्स्ट्राडीशन (प्रत्यर्पण) की रिक्वेस्ट की थी। यूके गवर्नमेंट ने आगे की कार्रवाई के लिए केस को डिस्ट्रिक्ट जज के पास भेजा। लंदन एडमिनिस्ट्रेशन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर पहली बार 18 अप्रैल को अरेस्ट किया था, लेकिन उसे 3 घंटे में ही जमानत मिल गई थी। इसके बाद 3 अक्टूबर को माल्या को ब्रिटेन में दूसरी बार अरेस्ट किया गया।

माल्या पर कितना कर्ज?
31 जनवरी 2014 तक माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या की टोटल लायबिलिटी 9,432 करोड़ रुपए हो चुकी है। सीबीआई ने 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में कहा है कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने IDBI की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया। किंगफिशर एयरलाइन्स अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया। डेट रिकवरी ट्रिब्‍यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों UBHL, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5% प्रति साल की ब्याज दर से वसूली की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।

 

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