कैसे चार्टड अकाउंटेंट से आंतकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ याकूब मेमन

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो,मुंबई। अब्दुल रजाक और हनिफा मेमन के 6 बच्चों में से एक है याकूब मेमन। सेंट्रल मुंबई के बाइकुला में याकूब पला बढ़ा था। वह औसत स्टूडेंट रहा। स्टेट सेकंडरी बोर्ड का एग्जाम याकूब ने 70 पर्सेंट मार्क्स के साथ पास किया था। फिर इसने बुरहानी कॉलेज ऑफ कॉमर्स ऐंड आर्ट्स से कॉमर्स में मास्टर किया। दूसरी तरफ याकूब का बड़ा भाई इब्राहिम मेमन उर्फ टाइगर मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपना नाम स्थापित कर रहा था।
1986 में याकूब इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया का स्टूडेंट बना। चार साल बाद याकूब चार्टड अकाउंटेंट बन गया। इसके बाद याकूब के परिवार वालों की जिंदगी में बेहतरी आने लगी। टाइगर मेमन ने अपनी अवैध गतिविधियां बढ़ा दी थीं। हालांकि मेमन दावा करता है कि वह अपने बड़े भाई की अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं था। याकूब ने अपने दोस्त चैतन्य मेहता के साथ मिलकर एक फर्म बनाया था। इसका नाम ‘मेहता ऐंड मेमन असोसिएट्स’ दिया था। पुलिस के मुताबिक याकूब अपने बड़े भाई टाइगर का अकाउंट हैंडल करता था। याकूब पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा और पुलिस ने दावा किया कि उसने 1993 में मुंबई ब्लास्ट के लिए फंड की व्यवस्था की थी। विस्फोट के पहले याकूब और उसके परिवार वालों ने शहर छोड़ दिया था। ब्लास्ट में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था उसे मेमन के परिवार वालों के पास से बरामद किया गया। आगे चलकर मेमन का परिवार दुबई चला गया और फिर वहां से पाकिस्तान शिफ्ट हो गया। हालांकि मेमन 18 महीने बाद इंडिया वापस आ गया। सीबीआई का दावा है कि याकूब को 5 अगस्त 1994 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अरेस्ट किया गया। दूसरी तरफ मेमन का दावा है कि वह नेपाल में स्वेच्छा से 28 जुलाई 1994 को भारतीय एजेंसियों के समक्ष हाजिर हुआ था। मेमन परिवार के सात और सदस्यों ने भारतीय एजेंसियों के समक्ष समर्पण कर दिया था। टाडा कोर्ट ने जुलाई 2007 में मेमन को फांसी की सजा सुनाई। याकूब ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। मेमन ने फिर राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी। राष्ट्रपति ने भी इसे खारिज कर दिया। 1999 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को याकूब मेमन ने एक चिट्ठी लिखी थी, ‘मैं अच्छा नागरिक हूं। अपने स्तर से इस मामले में सरकार को जो भी मदद कर सकता उसकी पूरी कोशिश मैंने की। वास्तव में जब केस का तार्किक अंत होगा तो सच सामने आएगा। हर किसी को मेरी विनम्र कोशिश और बलिदान के बारे में पता चल जाएगा।’ मेमन ने चार्टड अकाउंटेंसी फर्म के बारे में भी जानकारी दी थी। उसने लिखा था, ‘हमलोग बहुत अच्छा कर रहे थे। हमलोग के पास करीब 200 फाइलें थीं। हमलोग के क्लाइंट इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स, ऑडिट और अकाउंट मैनेजमेंट से जुड़े थे।

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि बेबाक राशिद सिद्दीकी

 

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