क्या कांग्रेस बना रही है पाकिस्तान के साथ मिल कर मोदी सरकार को गिराने का ख़ुफ़िया प्लान

अभी देश में चुनावो का मौसम चल रहा है. गुजरात और हिमाचल में चुनाव चल रहे हैं और कुछ ही दिनों बाद इनके परिणाम आ जाएंगे. जैसा कि हमेशा होते आया है, कांग्रेस और बीजेपी में हमेशा की ही तरह कड़ी टक्कर हो रही है. रोजाना ही टीवी और मीडिया में आप इनके बीच हो रही जुबानी जुंग के कारनामे  सुन सकते हैं. और यह राजनीति है और इसमें यह सब चलता ही है. लेकिन लगता है कांग्रेस अपनी राजनीति को एक अलग ही मुकाम पर ले जाना चाहती है.

इस चुनावी माहौल में कांग्रेस ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसकी उम्मीद कोई भी नहीं कर सकता. जी हाँ आपको यह सुनकर झटका लगेगा कि इंटेलिजेंस एजेंसी IB के अनुसार गुजरात_चुनाव के बीच कांग्रेसी नेताओं और पाकिस्तानी नेताओं के बीच मणिशंकर अय्यर के घर गुप्त बैठक हुई और इस बैठक का एजेंडा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

इंटेलिजेंस एजेंसी के अनुसार गुजरात चुनाव की गरमा गर्मी के बीच ही 6 दिसंबर को मणिशंकर अय्यर के दिल्ली के जंगपुरा स्थित मकान पर कांग्रेस के नेताओं ने पाकिस्तानी नेताओं के साथ बैठक की! इस बैठक की पुष्टि IB ने की है! इस बैठक में मणिशंकर के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी शामिल थे! जाहिर है सभी कांग्रेस के शीर्ष नेता हैं और मनमोहन सिंह एवं हामिद अंसारी तो देश के शेयर पदों पर भी रह चुके हैं.

ऐसे में यह चौकाने वाली मीटिंग है, क्यूंकि इस मीटिंग की कोई जानकारी सरकार को भी नहीं दी गयी है. आमतौर पर ऐसी मीटिंग्स की  जानकारी सरकार के साथ साझा करनी पड़ती है.माना जा रहा है कि गुजरात में भाजपा को हराने और अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस पाकिस्तान के साथ मिलकर कोई साजिश रच रही है!

मणिशंकर ऐसा ही काम एक बार पहले भी कर चुके हैं. कुछ महीनो पहले पाकिस्तानी TV चैनल से बात करते हुए मणिशंकर अय्यर ने साफ़ कहा था कि मोदी को हटाइये और हमें लाइए तभी भारत पाकिस्तान की बात कुछ आगे बड़ेगी. उस समय भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की  काफी लानत-मलानत हुई थी.

तो क्या यह कहा जा सकता है की मणिशंकर अय्यर,मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी एक गुप्त अजेंडे के तहत मोदी सरकार को विफल करने के मौके तलाशने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाने जा रहे हैं? क्या इस मुलाक़ात के पीछे सोनिया गाँधी और पाकिस्तानी ISI का हाथ है? यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के एक अफसर ने अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की थी. उससे कुछ समय पहले ही अहमद पटेल के अस्पताल से ही ISIS के दो आतंकवादी भी गिरफ्तार हुए थे.

वहीं इस बात से एक और बात जाहिर होती है कि मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस से निकालने का ड्रामा जानबूझ कर राहुल गांधी ने किया, जबकि वह तो उनकी ही योजना का अहम हिस्सा हैं! अय्यर बेशक पार्टी से ससपेंड हो गए हो लेकिन वो अभी भी पार्टी के अहम कार्य देख रहे हैं. पीएम मोदी द्वारा अय्यर के ‘नीच’ वाले बयान को गुजराती अस्मिता से जोड़ने के कारण राहुल गांधी ने चुनावी नुकसान से बचने के लिए यह झूठा कदम उठाया था.

और यह कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस ने देश के दुश्मनो से गुप्त वार्ता की हो. आपको याद दिला दें कि डोकलाम विवाद के बीच भी राहुल गांधी ने चीनी नेताओं के साथ गुप्त बैठक की थी! बाद में जब विवाद हुआ तो पहले तो कांग्रेस ने किसी मुलाकात से ही इंकार कर दिया. बाद में जब सोशल मीडिया का दबाव पड़ा तो उन्होंने माना कि मुलाकात हुई लेकिन इसे एक सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बोल कर इस पर मिट्टी डालने की कोशिश की.

वहीं दूसरी और सूत्र यह भी बताते हैं कि मणिशंकर अय्यर को हाल ही में ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ की ओर से एक ‘टैक्स हेवन’ देश में भेजा गया था, ताकि इस संस्था को  वहाँ फैलाया जा सके.  ज्ञात हो कि इस फाउंडेशन को गांधी परिवार संचालित करता है! और गाँधी परिवार अपने नजदीकी सिपहसालार को ही ऐसे कामो में लगा सकता है.

ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस को समझ आ गया है कि अब वो इस देश में लोकतान्त्रिक तरीके से चुन कर कभी नहीं आ पाएगी और अब वो इतनी ज्यादा व्यथा में है कि पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस और किन किन भारत विरोधियों के साथ गुप्त बैठकें करती है!

 

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