क्या नीतीश कुमार ने राजनीतिक मजबूरी में बिना अनुमति होने दिया तेजस्वी के मॉल का निर्माण?

पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी सत्ता हो या विपक्ष, हमेशा आक्रामक मुद्रा में रहते हैं. मंगलवार को उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि बिना भवन की अनुमति और नक़्शा पास कराए वो मॉल का निर्माण कार्य करा रहे थे. सुशील मोदी मंगलवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. उनका आरोप है कि इस मॉल के अवैध निर्माण के संबंध में जब चार अप्रैल को उन्होंने संवाददाता सम्मेलन किया, उसके 11 दिन बाद नक़्शे की स्वीकृति के लिए आवेदन दिया गया. लेकिन तब तक बेसमेंट पार्किंग का काफ़ी काम हो चुका था. हालांकि मोदी ने जहां तेजस्वी यादव पर ये आरोप लगाया कि वो ख़ुद अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीक़े से काम करवा रहे थे वहीं उन्होंने माना कि महागठबंधन की सरकार रहने के बावजूद स्थानीय नगर परिषद ने नोटिस जारी कर कई सारे काग़ज़ात की मांग की. हालांकि निर्माण कार्य जारी रहा और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की रोक के बाद ही काम आख़िरकार बंद हुआ.
मोदी ने इस संबंध में सभी सरकारी दस्तावेज़ जारी करते हुए दावा किया कि चार महीने के बाद भी आज तक राजद के विधायक अबू दोजाना ने किसी नोटिस का जवाब नहीं दिया है. ये वही तीन एकड़ ज़मीन का हिस्सा है जिस पर फ़िलहाल सीबीआई ये जांच कर रही है कि क्या ये ज़मीन रेलवे के दो होटेल के बदले दी गई है. इस मामले में अगले महीने के पहले हफ़्ते में जांच एजेंसी लालू यादव और तेजस्वी यादव से पूछताछ करेगी.
इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर मामले के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से सार्वजनिक रूप से सफ़ाई देने के लिए कहा था और बाद में नीतीश कुमार ने इस्तीफ़ा देकर महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई.
लेकिन भाजपा के नेता कहते हैं कि क्या नीतीश कुमार ने सत्तामोह में प्रस्तावित मॉल के अवैध तरीक़े से निर्माण पर आंखें मूंद ली थीं. उनका कहना है कि अगर सुशील मोदी ने इस पूरे खेल को उजागर नहीं किया होता तो शायद बिना किसी अनुमति के मॉल का निर्माण भी पूरा हो जाता. महागठबंधन की सरकार में नगर विकास विभाग जनता दल यूनाइटेड के खाते में था.
हालांकि आयकर विभाग ने भी इस ज़मीन को फ़िलहाल ज़ब्त करने का नोटिस लगा दिया है और अब लालू यादव का परिवार मान कर चल रहा हैं कि मॉल का निर्माण तो दूर, आने वाले समय में उन्हें इस ज़मीन पर बकाए लगान के तौर पर कुछ पेनाल्टी भी देनी पड़ सकती है.
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