गुजरात राज्यसभा चुनाव: दो विधायकों के वोट रद्द करने की कांग्रेस की मांग खारिज- सूत्र

अहमदाबाद। गुजरात राज्यसभा चुनाव में मतगणना से पहले कांग्रेस चुनाव आोग के पास पहुंच गई है. उसने अपने दो विधायकों का वोट खारिज करने की अपील की है. फिलहाल मतगणना शुरू नहीं हो पाई है. कांग्रेस ने अपने आरोप में चुनाव आयोग से कहा कि उसके दो विधायकों ने वोट देकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिखाया. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि आयोग ने कांग्रेस की अपील को खारिज कर दिया है. कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग से अपनी शिकायत में कहा, ‘हमारे दो विधायकों ने भाजपा को वोट दिया और इसके बाद उन्होंने अमित शाह को विजयी संकेत दिखाया.’ सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दोनों विधायक भोलाभाई और राघवजी पटेल ने पोलिंग एजेंट को अपने वोट नहीं दिखाए.
वाघेला की बगावत के बाद छह विधायकों के इस्तीफ के चलते कांग्रेस के पास गुजरात विधानसभा में 51 विधायक रह गए हैं. इन 51 में से वाघेला खेमे के सात विधायक (वाघेला सहित) बेंगलुरु नहीं गए थे, लेकिन शेष 44 वहां गए थे. तकनीकी रूप से ये सातों विधायक अब भी कांग्रेस के साथ हैं. वाघेला ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. गहलोत ने स्वीकार किया कि राघवजी पटेल और धर्मेंद्र सिंह जडेजा सहित वाघेला खेमे के सभी सातों विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है.
राज्यसभा के लिए गुजरात विधानसभा तीन सदस्य चुनेगी. प्रत्येक उम्मीदवार को 45-45 वोट की आवश्यकता है. तीसरी सीट पर मुकाबला कड़ा है जिस पर भाजपा की ओर से बलवंत सिंह राजपूत खड़े हैं. शाह और स्मृति के निर्वाचन के लिए उन्हें मिलने वाले 90 वोट के बाद भाजपा के पास राजपूत के लिए 31 वोट बचते हैं जिन्हें कांग्रेस के बागी विधायकों और छोटे दलों के विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. भाजपा में शामिल होने से पहले राजपूत अभी हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे.
लगभग दो दशक के बाद ऐसा हो रहा है जब गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए मुकाबला हो रहा है, जहां बड़े दलों के आधिकारिक उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो जाया करते थे. चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए कुल मतों के एक चौथाई और इससे एक अधिक मत की आवश्यकता होगी. इसका मतलब यह हुआ कि उम्मीदवारों को 45-45 वोट चाहिए. उन्होंने कहा कि विधायकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ (उम्मीदवारों की संख्या के अनुरूप) पसंद का संकेत देते हुए वोट देना होता है या वे नोटा का विकल्प चुन सकते हैं.
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