गुरदासपुर हमले में पंजाब पुलिस की जिद से हुआ ज्यादा नुकसान

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/गुरदासपुर। पंजाब में गुरदासपुर के दीनानगर में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के हमले के बाद गोलियों की बरसात, ग्रेनेडों के फटने और सुरक्षाकर्मियों के बचने के लिए आड़े लेने के दृश्यों ने राज्य में आतंकवाद के पुराने दौर की भयावह याद दिला दी। आतंकवादियों को 11 घंटे तक चली गोलीबारी के बाद राज्य पुलिस की स्पेशल टीम ने मार गिराया।
इस हमले में गुरदासपुर के एसपी और तीन आतंकवादियों सहित 11 लोग मारे गए। पंजाब पुलिस के सूत्रों का कहना है कि आतंकवादी पाकिस्तान से सीमा पार कर आए थे।गुरदासपुर में सोमवार आतंक के कहर की शुरुआत सोमवार सुबह लगभग पांच बजे हुई जब आतंकवादियों ने एक कार ड्राइवर को अपना पहला निशाना बनाया। सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने स्टेट रोडवेज की एक बस पर गोलियां बरसाकर दो लोगों को मार दिया। इसके बाद वे दीनानगर पुलिस स्टेशन की ओर भाग गए। पुलिस स्टेशन के अंदर छह लोगों की हत्या करने के बाद वे पास की एक खाली इमारत में छिप गए। भारतीय सेना की विशेष टुकड़ी बेहद कम समय में घटनास्थल पर पहुंच गई थी, लेकिन पंजाब पुलिस के डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने यह स्पष्ट कर दिया कि स्थिति पर नियंत्रण करने की जिम्मेदारी राज्य पुलिस की होगी। इसके बाद का दृश्य हैरान करने वाला था क्योंकि पंजाब पुलिस के जवान अपनी पुरानी सेल्फ-लोडिंग राइफल्स के साथ आतंकवादियों की ओर से एके 47 से हो रही भारी गोलीबारी का मुकाबला करने में कमजोर दिख रहे थे। घटनास्थल पर मौजूद एनएसजी के अधिकारियों ने कहा कि अगर राज्य सरकार उन्हें समय पर कार्रवाई करने की इजाजत दे दी तो कम से कम तीन जानें बचाई जा सकती थी। सोमवार शाम को पंजाब सरकार की ओर से जारी किए गए एक बयान में उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की तारीफ की गई, जिन्होंने पोलैंड से स्थिति पर निगरानी रखी। बयान के मुताबिक, ‘सुखबीर सिंह बादल की पंजाब में क्रैक कमांडो फोर्स बनाने की योजना रंग लाई और राज्य की स्वैट टीम ने दीनानगर में घुसे पाकिस्तान के नियंत्रण वाले आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।’ हालांकि, हमले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है और कांग्रेस ने शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी सरकार वाले पंजाब को एक जोखिम वाला राज्य बताया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ महीनों में खुंखार आतंकवादियों को अन्य राज्यों से पंजाब की जेलों में ट्रांसफर करने के साथ राज्य सरकार कट्टरपंथियों को लेकर नरमी दिखा रही है। कांग्रेस का कहना है कि अकाली दल 2017 के चुनाव के मद्देनजर कट्टरपंथियों के साथ सहानुभूति दिखाकर आग से खेल रहा है। एक महीना पहले 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया गया था। राज्य सरकार आतंकवाद से जुड़े सभी सिख अभियुक्तों को पंजाब की जेलों में ट्रांसफर करना चाहती है।
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