गुरमीत राम रहीम अब इन कानूनी विकल्पों का ले सकता है सहारा!

नई दिल्ली। रेप के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुना दी गई है. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है. गुरमीत रहीम को सजा सुना दी गई है. ऐसे में अब सवाल ये है कि उनके पास विकल्प क्या हैं?रोहतक की सुनारिया जेल में ही सीबीआई की विशेष अदालत बैठी जहां राम रहीम पहले से ही बंद थे. सीबीआई कोर्ट ने धारा 376 के तहत राम रहीम को 10 साल की सजा दी है.कयास है कि गुरमीत राम रहीम के वकील इस मामले पर शांत नहीं बैठेंगे और बड़ी अदालतों का रुख कर सकते हैं या फिर कुछ और विकल्प अपना सकते हैं.
कयास है कि स्वास्थ्य और दूसरे कारणों के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग कर सकते हैं वहीं वो हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं.
राम रहीम के पास सोमवार को अपील दायर करने का मौका नहीं है. दरअसल निचली अदालत में फैसला आते-आते इतनी देर हो चुकी होगी कि सोमवार को अपील दायर करने का वक्त नहीं रह जाएगा. ऐसे में उसे दूसरे दिन यानी मंगलवार को अपील दायर करनी होगी.
मंगलवार को राम रहीम की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की जाती है तो हाईकोर्ट उसे स्वीकार कर लेगा. कोर्ट उसी दिन इस मामले पर सुनवाई कर सकता है, लेकिन आमतौर पर हाई कोर्ट दो दिन बाद ही सुनवाई करता है. ये कोर्ट के रुख पर निर्भर करता है.
हाई कोर्ट राम रहीम के मामले पर सुनवाई करते हुए सजा पर स्टे भी दे सकता है और नहीं भी. इसे सस्पेंशन ऑफ कोर्ट कहा जाता है. राम रहीम को हाई कोर्ट से राहत की उम्मीद कम ही है, क्योंकि उसके बाहर आने पर कई शंकाएं हैं.
एक डर ये भी है कि अगर एक बार राम रहीम बाहर आ गया तो दूसरी बार उसे कोर्ट या जेल में लाना खासा मुश्किल होगा. इतना ही नहीं राम रहीम के खिलाफ कई और भी केस हैं, जिनमें से दो हत्याओं के हैं. ऐसे में उसे हाई कोर्ट से राहत मिलना काफी मुश्किल होगा.
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