गैंग रेप के लिए दो नहीं 4-5 लोग चाहिएः मंत्री

बेंगलुरु। कर्नाटक में जिन गृहमंत्री के कंधों पर राज्य में अपराध रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, उनके दिमाग में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार को लेकर एक ‘गंभीर’ सवाल बना हुआ है।
राज्य के गृहमंत्री के.जे.जॉर्ज ने सामूहिक बलात्कार को लेकर अपनी समझदारी का नमूना पेश किया है। सामूहिक बलात्कार की परिभाषा बतलाते हुए उन्होंने कहा कि अगर 2 लोग मिलकर किसी महिला के साथ बलात्कार करते हैं, तो इसे सामूहिक बलात्कार नहीं कहा जा सकता है। गृहमंत्री का मानना है कि सामूहिक रेप के लिए कम-से-कम 4-5 लोगों की जरूरत पड़ती है।
हाल ही में बेंगलुरु शहर में एक बीपीओ कर्मचारी के साथ हुए गैंगरेप पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि अगर 2 लोग मिलकर किसी के साथ रेप करते हैं तो उसे गैंग रेप नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी बलात्कार को गैंगरेप बताने के लिए जरूरी है कि उसमें 2 से ज्यादा लोग शामिल हों।
उन्होंने गैंगरेप को लेकर अपनी दिलचस्प समझदारी का खुलासा किया और कहा कि उनके मुताबिक सामूहिक रूप से किसी के साथ बलात्कार करने के लिए कम-से-कम 3-4 लोगों की जरूरत पड़ती है। गृहमंत्री ने साफ कहा कि 2 लोगों द्वारा किए गए बलात्कार की वारदात को वह गैंगरेप नहीं मानते हैं।
उन्होंने कहा, ‘अगर 2 लोगों ने बलात्कार किया तो उसे गैंगरेप कैसे कहा जा सकता है? गैंगरेप कहलाने के लिए क्या यह जरूरी नहीं कि इसमें कम-से-कम 3-4 लोग शामिल हों?’ राज्य के गृहमंत्री की बलात्कार को लेकर यह समझ चौंकाने वाली है।
उधर, बेंगलुरु पुलिस ने 2 लोगों, 23 साल के सुनील ओमकरप्पा और 27 साल के योगेश मल्लेशप्पा को कथित तौर पर 22 साल की एक बीपीओ कर्मचारी के साथ शारीरिक उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी पेशे से ड्राइवर हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी चिकमगलूर जिले के कादूर गांव से हैं और पिछले 3 साल से बेंगलुरु में रहते हैं।
गृहमंत्री द्वारा बलात्कार को लेकर की गई इस टिप्पणी के बारे में राज्य की सिद्दारमैया सरकार में से किसी ने भी कोई बयान नहीं दिया है।
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