गैस किन द ए बलम जी…

sawसौरभ चतुर्वेदी

रविवार के दिन मेरे दुवार पर मेरा जनता दरबार लगता है…नहीं, नहीँ इसका ये मतलब नहीं कि मैं कोई बहुत बड़ा हाक़िम हूँ या बड़े रसूखदार बाप का दिलदार बेटा हूँ…मैं एक छोटे से बैंक की छोटी सी शाखा का मैनेजर हूँ, और एक छोटे से जिले के छोटे से गाँव में रहता हूँ….गाँव के लोगों के लिए ‘पंडीजी’ तो मैं पहले से ही था..जब से बैंक की नौकरी मिली, मैं गांव का वित्तीय सलाहकार भी हो गया…रविवार की पूरी सुबह समर्पित होती है दीना बो सहुवाईन को पासबुक में उनकी बृद्धा पेंसन दिखाने में…मास्टर छोटेलाल को टी डी एस का मतलब बताने में…महेश बो चाची की चोरी से खोली गई आर डी की जमा की रशीदें देने में…वित्तीय समावेशन का विचार जिस अधिकारी के मन में पहली बार आया होगा..उसने कभी स्वप्न में भी इसकी इस स्तर की सफ़लता का अनुमान नहीं लगाया होगा कि भारतीय महिलाओं की प्राचीन ‘चोरिका’ कला भी एक दिन बैंक से जुड़ जाएगी और इसके माध्यम मेरे जैसे बैंक के अधिकारी होंगे…कोई देश की अर्थव्यवस्था में मेरे इस योगदान को ऊपर तक पहुँचाए भाई….

लेकिन, आज रविवार को दतुवन मुँह में दबाए बाहर निकला तो मेरा जनता दरबार मुझे खाली मिलता है…गेट खोलकर बाहर देखता हूँ तो मेरे गांव का ‘संसद भवन’ अशोक के पेड़ की छाँव भी बिल्कुल खाली… तबतक अखबार वाले दिनेश भाई आते हैं अख़बार लेकर…
“अरे पंडीजी आप तैयार नहीं हो रहे…बारह बजे मोदी जी आ जाएंगे..जल्दी निकलियेगा..एस सी कालेज के आगे गाड़ी नहीं जा रहा है…पैदले जाना पड़ेगा..”
पिछले एक हफ़्ते से गाँव तैयारी कर रहा है मोदी जी को देखने के लिए…लेकिन, मुझे ऐसे कार्यक्रमों में कोई रूचि नहीँ है..थोड़ा पढ़ लिख गया हूँ न, हर चीज को आलोचना के चश्में से देखने की आदत हो गई है….
प्रधानमंत्री बलिया से ‘धुँवामुक्त भारत’ के लक्ष्य के क्रम में आज बलिया से ‘उज्ज्वला योजना’ की शुरुआत करेंगे..बीपीएल परिवार की महिलाओं को फ्री में एलपीजी का कनेक्सन मिलेगा…मोदी जी ये नहीँ सोंचे कि सब घोषणाएँ, सब योजनाएँ जब दिल्ली और लखनऊ में घोषित होती हैं तो ये नया पैंतरा कैसा..बलिया में किसी योजना की शुरूआत करके क्या बताना चाहते हैं…हाँ, जरूर ये विधानसभा चुनाव की तैयारी है…कल फ़लाने कांग्रेसी टीवी पर बोल रहे थे कि फ्री में कनेक्सन मिलेगा गैस नहीं…गैस कहाँ से भरवा के देंगे मोदीजी….सवाल वाजिब था…मैंने सोंचा इस बारे में अपने गांव के चिलाने कांग्रेसी से बात करूँ…पता चला कि वो मोदी का विरोध करने के लिए बैठक कर रहे हैं और अपनी पत्नी से उज्ज्वला योजना में कनेक्सन के लिए आवेदन भी करवाए हैं…फ़ोन किया हमने चिलाने भाई को..कि भईया नेता हो तो विरोध करना तो जरूरी है.. अभी इटली की ‘कोर्ट ऑफ मिलान’ के फ़ैसले में पता चला है कि ‘अगस्टा वेस्टलैंड’ और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी ‘फिनमेक्कनिका’ ने दो अवतारी मानवों को कुछ घूस जैसा दिया है..जरा पता करो इस पर किसी ने विरोध किया कि नहीं..काली पट्टी किसी ने दिखाई की नहीं…भाई ने फोन काट दिया…भाई मोदी की हर योजना का विरोध करते हैं..अलग बात है कि जनधन योजना में अपना भी खाता खोलवाए हैं और 12 रुपया में दो लाख का बीमा भी कराए हैं….
हमारे बलिया जिला में जब भी कोई बड़ा नेता आता है तो बिजली खूब रहने लगती है..मेरे गांव के रिंकू पिंकू और रिंकी पिंकी बहुत खुश हैं कि मोबाईल एकदम फूल रह रहा है..आजकल चार्जर साकेट से निकल ही नहीं रहा है…जिन जिन भाइयों की इस साल शादी हुई है वो भी मोदी जी को आशीर्वाद दे रहें हैं…नई नई शादी और नया दहेजुवा कूलर…और रात भर बिजली भी रह रही है..पूरी रात खूब क्रांति चल रही है…बस एक हमारी पंकज बो भौजाई दुःखी हैं…कूलर की ठंडी हवा उन्हें चुभती है..सब्सिडी वाले एल इ डी बल्ब की सफ़ेद रौशनी आँखों में गड़ रही है..क्रांति के इतने सुंदर माहौल में भी भईया के न होने से न तो उनके भीतर की अभिव्यक्ति आज़ाद हो पा रही है और न ही मनुवाद साम्यवाद में बदल पा रहा है….
मेरे गांव में सन्नाटा है…सब जा रहे हैं सुनने मोदी को…मेरा पढ़ालिखा व्यक्तित्व कितना भी हरचीज को आलोचना और समीक्षा के दायरे में रखे….सत्य यही है कि मोदी आज एक व्यक्ति न होकर एक उम्मीद का नाम हो चुका है…मेरे गाँव की दीना बो सहुवाइन अभी अभी मुझे समझा के गईं हैं कि एक वक्त की रसोई का धुँवा चार सौ सिगरेट के बराबर होता है…चालीस रूपये की रोज लकड़ी जलाकर अब धुँवा नहीं सूँघना पड़ेगा…कल उनके घर भी गैस और लाईटर आएगा…हमे बुलाई भी हैं कल अपने घर कथा कहने के लिए…आखिर नया काम जो हो रहा है…
प्रधानमंत्री के आगमन के ठीक अगले दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी बलिया आ रहे हैं..’गाँव गांव अखिलेश’ मिशन के क्रम में कल यूनिवर्सिटी और स्पोर्ट्स कालेज का शिलान्यास भी करेंगे…गंगा के शिवरामपुर घाट पर प्रदेश का सबसे बड़ा पुल तो बन ही रहा है…मैं निष्पक्ष व्यक्ति हूँ…वास्तव में आज जिले का विकास हो रहा है यदि तो इसमें मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसके लिए वो बधाई के पात्र भी हैं..उनके इन कार्यों से विकास पर भाजपा का कॉपीराईट भी खतरे में दिख रहा है…लेकिन हमारा गांव तो नमूना है..किसी की भी चुटकी ले सकता है…मोदी को सुनने जा रहे टोला वाले बाबा से हमने कहा कि कल मुख्यमंत्री भी आ रहे हैं..वहाँ भी जाएंगे???
पोछिटा कसते हुए बाबा बोले…”देखा जाएगा..आज एक तारीख है और कल दो तारीख है..एक नम्बर का आदमी एक तारीख को आ रहा है और दो नम्बर का आदमी दो तारीख को आ रहा है..”

 

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