गोमती रिवर फ्रंट में 1600 करोड़ रुपये का गोलमाल करने वाले अफसरों पर अब योगी सरकार का चला हंटर
लखनऊ। अखिलेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में 1600 करोड़ रुपये का गोलमाल करने वाले अफसरों पर अब योगी सरकार के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का हंटर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. जिसके चलते इस घपले को अंजाम देने वालों पर एक्शन लेने की शुरुआत करते हुए सहायक अभियंता अनिल यादव को सस्पेंड कर दिया. परियोजना में करीब 1600 करोड़ का घोटाला की जानकारी देते हुए मंत्रीजी ने बताया कि इस घोटाले में जो भी शामिल पाया जायेगा. उन सभी इंजीनियरों और अफसरों को भी निलंबित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने गुरुवार को यहां आयोजित अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सिंचाई विभाग तालाब की स्थापना करेगा और बुंदेलखंड, विंध्याचल जैसे इलाकों में अलग से पानी की व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने सरकार की प्राथमिकता बताते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि हम हर हाथ को काम, हर खेत को पानी देंगे. तालाबों का संरक्षण,पुनरुद्धार का काम प्राधिकरण करेगा और बुंदेलखंड में सिंचाई परियोजना लाई जाएगी. सिंचाई में सोलर पॉवर का प्रयोग किया जायेगा. उन्होंने बतायाकि हमारी एरच परियोजना बहुत बड़ी है. पहले इसका 612 करोड़ बजट था जो बढ़कर 1083.73 करोड़ हो गया है.
धर्मपाल सिंह ने बताया कि गोरखपुर में गंडक परियोजना में अनिमित्ताएँ पाई हैं, जिसमे अधीक्षण अभियंता आरडी यादव को दोषी पाया है. यह भी 200 करोड़ का घपला है. गंडक परयोजना की जांच के लिए 15 दिन का समय दिया है. सिंचाई विभाग की बहुत सी ज़मीनों पर कब्ज़े हैं जिन्हें खाली कराया जायेगा. हमारी सरकार उन अफसरों पर भी कार्यवाही करेगी जो रिटायर हो चुके हैं. धर्मपाल ने कहा कि आर्थिक अनियमितता पर अभी तक प्रतिकूल प्रविष्टि मिलती थी. हम इसमें पैसों वसूली करेंगे. दोषी कोई भी हो उसे बख्शेंगे नहीं. सिंचाई में अब तक जो बेईमानी हुई उसे आगे नहीं होने देंगे.
सिचाई मंत्री ने कहा कि कुछ परियोजनाएं पैसा खाने के लिए बनती हैं. जो बाँध ढहे हैं वह गलत एलाइनमेंट की वजह से ढहे. उन्होंने कहा कि मानक का पालन नही होने से बाँध टूटते हैं. उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार 20 हज़ार करोड़ रूपये की लागत से मुख्यमंत्री सिंचाई फंड की स्थापना करेगी. इस कोष का इस्तेमाल हर खेत तक भरपूर पानी पहुंचाने में किया जाएगा. इसके अलावा धनाभाव की वजह से धीमी गति से चल रही परियोजनाओं को पूर्ण किया जाएगा. सरयू नहर, बाणसागर नहर, अर्जुन सहायक नहर और जसौली पम्प कैनाल परियोजना को अच्छी तरह से संचालित किया जाएगा.
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