गोविंदा और कमल हासन को लच्छू महाराज अवॉर्ड

लखनऊ। इस बार बॉलीवुड एक्टर गोविंदा और कमल हसन को ‘लच्छू महाराज अवॉर्ड’ से नवाज़ा जाएगा। दोनों सितारों को ये सम्मान जनवरी 2016 में रविंद्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा। सम्मान के रूप में दोनों को 51 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।
बॉलीवुड में गोविंदा ने अपने दम पर पहचान बनाई हैं। प्यार से लोग उन्हें चीची भी कहते हैं। अभिनय के साथ-साथ गोविंदा अपने अनोखे डांस के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी डांसिंग स्किल्स की दुनिया दीवानी है और फिल्म इंडस्ट्री में वे एक अच्छे डांसर के भी रूप में मशहूर हैं। डांस के साथ चेहरे पर वैसा ही भाव रखने की कला में शायद ही कोई उनसे बेहतर हो। कॉमेडी फिल्मों में उनके जैसा अभिनय करने वाले अभिनेता विरले ही मिलते हैं। चीची को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल है। वह सांसद भी रहे हैं।
कमल हासन एक ऐसे कलाकार है जिंन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। कमल ने हर किरदार निभाया है, जो कभी ना तो भाषा में बंधे ना तो क्षेत्र में। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्व गायक और कोरियोग्राफर हैं। पुरस्कारों की दृष्टि से पद्मश्री धारक कमल हासन, भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे अधिक सम्मानित अभिनेता हैं। हासन को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है।
कथक शब्द कहानी को चित्रित करने की ‘कथा शैली’ से निकला है। पुराने समय में कथा वाचक गानों के रूप में इसे बोलते और अपनी कथा को एक नया रूप देने के लिए नृत्य करते थे। इससे कथा कलाक्षेपम और दक्षिण भारत में हरी कथा का रूप बना और यही उत्तर भारत में कथक के रूप में जाना गया। इस नृत्य परम्परा में मुग़लकालीन नृत्य और संगीत के कारण बड़ा परिवर्तन आया। कसे हुए चूड़ीदार पायजामे को कथक नृत्य की वेशभूषा मान लिया गया। इस नृत्य परम्परा के दो प्रमुख घराने – लखनऊ घराना और जयपुर घराना हैं, इन दोनों को उत्तर भारत के शहरों के नाम पर जाना जाता है। दोनों ही घरानों का विकास राजाओं के संरक्षण में हुआ।
कथक सम्राट लच्छू महाराज के नाम पर शुरू किया गया ‘लच्छू महाराज अवॉर्ड’ की शुरुआत 1998 में हुई थी। 1 सितंबर को कथक सम्राट की जयंती मनाई जाती है। इस दिन दृश्य और ललित कला में निपुण कुछ लोगों को सम्मानित किया जाता है।
सबसे पहले पद्मश्री रेखा को इस अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। ये अवॉर्ड पाने वालों में पद्मश्री सितारा देवी, वहीदा रहमान, पद्मश्री वैजयंती माला, श्रीदेवी, जयाप्रदा, अमला शंकर, सुधा चंद्रन, सरोज खान, कुमकुम सज्जाद, पद्मश्री आशा पारेख, मधुमति, जया बच्चन और जोहरा सहगल शामिल है।
साल 2013 में लच्छू महाराज अवॉर्ड के लिए साउथ इंडियन एक्टर चिरंजीवी और 2011 में माधुरी दीक्षित के नाम की घोषणा की गई थी, लेकिन व्यस्तता की वजह से दोनों कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। इस बार भी समारोह में वक्त को लेकर गोविंदा और कमल हसन से बातचीत की जा रही है, उनकी व्यस्तता की वजह से ही कार्यक्रम जनवरी 2016 में रखा गया है।
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