चाइल्ड रेपिस्ट को नपुंसक बनाना ही ‘सही’ सजा: हाईकोर्ट

mhcनई दिल्ली /चेन्नै। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि मासूम बच्चों से रेप करने वाले लोगों को शारीरिक संबंध बनाने के अयोग्य बना देना चाहिए। शुक्रवार को रेप के एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने बच्चों से रेप करने वाले लोगों को बधिया करने का फैसला सुनाया। रविवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली कोर्ट के फैसले की कॉपी में इस बात का जिक्र था।

कोर्ट ने कहा कि बच्चों के साथ इस तरह की हरकतें देश में ‘सजा के क्रूरतम मॉडल को आकर्षित करती हैं।’ कोर्ट ने कहा कि बहुत से लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे, लेकिन परंपरागत कानून ऐसे मामलों में सकारात्मक परिणाम नहीं दे सके हैं। बधिया करने का सुझाव बर्बर लग सकता है, लेकिन इस प्रकार के क्रूर अपराध ऐसी ही बर्बर सजाओं के लिए माहौल तैयार करते हैं।

जस्टिस एन. किरुबकरन ने कहा, ‘हर किसी को समाज की इस कड़वी हकीकत को समझना होगा और सुझाई गई सजा की प्रशंसा करनी चाहिए।’ कोर्ट ने एक विदेशी नागरिक द्वारा बच्चे के यौन शोषण के मामले में केस रद्द करने की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने दिल्ली में पिछले सप्ताह दो बच्चियों से गैंगरेप के मामलों को संज्ञान में लेते हुए यह बात कही।

हाईकोर्ट के जज ने ऐसे मामलों को ‘खून जमा देने वाला’ करार देते हुए कहा कि ऐसे क्रूर अपराधियों के लिए बधिया किया जाना ही एक सजा हो सकती है। जज ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि बच्चों से रेप करने के मामलों में सिर्फ 2.4 पर्सेंट लोग ही दोषी ठहराए जाते हैं।

 

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