चिट-फंड घोटाला मामले में फिर डूबे लाखों, हिरासत में शाखा प्रबंधक व एजेंट

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, बेबाक राशिद सिद्दीकी
नागपुर। शहर में एक और घोटाला उजागर हुआ है। इस बार चिट-फंड की आड़ में ठगा गया है। घटना के तार दिल्ली से जुड़े हैं, जिसे िपता-पुत्र ने अंजाम दिया है। प्रकरण के उजागर होने से सोमवार को मामला कलमना थाने पहुंचा। शिकायत के आधार पर शाखा प्रबंधक प्रसन्नजीत खोब्रागड़े अौर एक एजेंट को हिरासत में लिया गया है। एचबीएन फुड प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली की कंपनी है। इसके संचालक वहीं के हरमिदरसिंह सरन और उसका पुत्र अमनदीप सरन है।
लगभग पांच वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी कंपनी की शाखा नागपुर के एचबी टाउन चौक से संचालित की। इसकी आड़ में िचट-फंड के नाम पर लोगों से रुपए लिए गए। कंपनी ने अधिकतर मजदूर वर्ग को अपना शिकार बनाया। 5 वर्ष 8 महीने और 6 वर्ष 8 महीने में दोगुनी रकम देने का झांसा देकर उनसे रुपए लिए। उन्हें और भी लुभावने लालच दिए गए थे। झांसे में आ कर मजदूरों में से किसी ने सौ-पांच सौ तो किसी ने हजार रुपए कंपनी में जमा किए। वर्ष 2014 में सूद समेत उन्हें अपनी रकम मिलनी थी। परंतु तय अवधि के बाद भी उन्हें उनकी रकम नहीं मिली। बताया जा रहा है कि सोमवार को भी कंपनी के एजेंट क्षेत्र में वसूली के लिए गए। लोगों ने उन्हें घेर लिया, जिससे मामला थाने पहुंचा।
बेधड़क करते रहे वसूली
पुलिस ने कंपनी संचालक सरन िपता-पुत्र से फोन पर संर्पक किया। उन्हें घटना की जानकारी दी गई। परंतु िपता-पुत्र का जवाब सुनकर पुलिस भी अवाक रह गई। उनका कहना था कि कंपनी ने गत वर्ष ही स्थानीय शाखा से अपना लेन-देन बंद कर दिया था। लिहाजा घोटाले के लिए स्थानीय अधिकारी और एजेंट ही जिम्मेदार हैं। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं। हैरत यह है कि स्थानीय अधिकारी व एजेंट वसूली करते जा रहे थे।
कई राज्यों में हुई घटना
सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने अंतरराज्यीय स्तर पर विविध योजनाओं की आड़ में चीट-फंड चलाया और ठगी से लाखों रुपए डकारने के बाद संचालक िपता-पुत्र ने उक्त घटना की तरह अपने हाथ खड़े कर लिए। इससे कंपनी के स्थानीय अधिकारी और एजेेंट ही लोगों के कोपभाजन का शिकार होते रहे है। प्रकरण में और भी गंभीर खुलासे होने की संभावना है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने किसी के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया था।
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