‘चीन, अमेरिका को पछाड़ FDI में नंबर वन बना भारत’

नई दिल्ली। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2015 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिहाज से चीन और अमेरिका को पछाड़ दिया। पहली छमाही में भारत को 31 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला। वित्त मंत्रालय ने फाइनैंशल टाइम्स (लंदन) में प्रकाशित एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कहा गया है, ‘निवेश में भारत ने बाजी मारी।’ इस रिपोर्ट के अनुसार 2015 की पहली छमाही में भारत को 31 अरब डॉलर एफडीआई मिली।
मई 2014 में मोदी सरकार ने विदेश निवेश को आकर्षित करने और निवेशकों का मूड बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं। मोदी सरकार से सुधारों में तेजी लाने की मांग हो रही है और सरकार ने निवेशकों को लुभाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों की घोषणा की है। हालांकि, एक्सपर्ट मानते हैं कि सरकार को अब भी कई क्षेत्रों में कदम उठाने की जरूरत है। निवेशक कर नीति, श्रम कानूनों और भूमि अधिग्रहण कानूनों को और उदार चाहते हैं।
मोदी की हालिया सिलिकन वैली के दौरै ने भी सॉफ्टवेयर और टेक्नॉलजी निवेशकों को आकर्षित किया है। कई बहुपक्षीय एजेंसियों का मानना है कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की मंदी से भारत को फायदा मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8 फीसदी विकास दर रहने की उम्मीद है।
फाइनैंशल टाइम्स के मुताबिक पिछले सालों में विदेशी निवेश के मामले में चीन और अमेरिका के बीच अच्छी-खासी प्रतिद्वंद्विता रही है। पिछले साल तो दोनों के बीच मुकाबला लगभग बराबरी पर छूटा था। फाइनैंशल टाइम्स के मुताबिक पिछले साल चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और मेक्सिको के बाद भारत पांचवें नंबर पर रहा था।
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