छेड़छाड़ से त्रस्त छात्रा ने लिखा,’कोई विकल्प नहीं बचा’ और कर ली आत्महत्या

भारी मात्रा में नींद की गोलिया खाने के बाद श्रुति का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था।
औरंगाबाद। छेड़छाड़ से परेशान होकर चार दिन पहले काफी संख्या में नींद की गोलियों खाने वाली छात्रा की गुरुवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। आत्महत्या से पहले पीड़ित ने एक चिट्टी लिखी थी, जिसमे लिखा था,’मां मुझे माफ करना, मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है।” इस मामले में पुलिस ने छेड़छाड़ करने युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज कर आज(शुक्रवार) सुबह उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है।
अश्लील मैसेज से हुई परेशान
पुलिस के मुताबिक पीड़ित श्रुति कुलकर्णी (23) अपनी बड़ी बहन के साथ सिडको एन-7 में अपने नाना-नानी के साथ रहती थी और शहर के एमबीए कॉलेज में बीबीए की पढ़ाई कर रही थी। महाविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही श्रुति की पहचान आरोपी स्वप्निल मीनियार से हुई। पुलिस ने बताया कि स्वप्निल श्रुति से एकतरफा प्यार करता था और शादी के लिए उसे परेशान कर रहा था। श्रुति ने जब कई बार उसे मना किया, तो युवक श्रुति को मोबाइल फोन पर अश्लील मैसेज भेजने लगा। यही नहीं बल्कि दोस्तों के बीच उसकी बदनामी भी करने लगा।
पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी शिकायत
आरोपी की रोजाना की हरकत से त्रस्त श्रुति ने पिछले महीने 27 जुलाई को सिडको थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया परंतु वह जमानत पर जल्द रिहा हो गया। इसके चलते स्वप्निल का हौसला और बढ़ गया और वह फिर से श्रुति को परेशान करने लगा। इस परेशानी से बचने के लिए श्रुति ने अपने मोबाइल का फोन नंबर तक बदला, लेकिन समस्या कम नहीं हुई। स्वप्निल को फिर से उसका नंबर मिल गया और वह पुन: उसे छेड़ने लगा। इसके चलते श्रुति ने गत 16 अगस्त की रात में काफी संख्या में नींद की गोलियों का खा कर आत्महत्या का प्रयास किया। इस घटना के बाद से श्रुति पिछले चार दिनों से एक निजी अस्पताल में भर्ती थी।
आत्महत्या से पहले लिखा पत्र
श्रुति के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इस चिट्ठी में लिखा है,”मां मुझे माफ करना। सॉरी, लेकिन तुझे और सभी को मेरी वजह से बहुत तकलीफ हुई है। मां.. उस स्वप्निल ने मेरे लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। आज तो दीदी को भी फोन कर वह परेशान करने लगा था। कल पता नहीं वह क्या करेगा। मां, मैं तेरा नाम रोशन करना चाहती थी परंतु नहीं कर सकी, इसलिए माफ करना। संभव हुआ तो अगले जन्म में मैं फिर से तेरी कोख से जन्म लूंगी और फिर नाम कमाऊंगी। तब कोई गलती नहीं करूंगी। अपना ख्याल रखना, मेरा विचार नहीं करना और हां बाद में दीदी का ख्याल रखना। सच कहूं, तो दीदी में बहुत हिम्मत है। वैसी हिम्मत मुझमें नहीं थी, समस्याओं से मुकाबला करने की और वो जो कुछ भी स्वप्निल कहता है, वैसा मैंने कुछ भी नहीं किया। सॉरी..मां प्लीज, हो सके तो मुझे माफ करना!”
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