जब तक आतंकी मसूद अजहर को सजा न दिला दें, चैन से नहीं बैठेंगे: UN में भारत


भारत ने पिछले साल मार्च में अजहर पर बैन लगाने के लिए यूनाइटेड नेशंस में प्रपोजल रखा था। उस वक्त चीन ने इसे 6 महीने (सितंबर तक) के लिए रोक दिया था। 15 सदस्यों वाली सिक्युरिटी काउंसिल में चीन इकलौता देश था, जिसने विरोध किया था। काउंसिल के बाकी 14 मेंबर ने इस प्रपोजल का सपोर्ट किया था। फिर सितंबर में इसे 3 और महीने के लिए रोक दिया था। पिछले साल 31 दिसंबर को यह रोक खत्म हुई थी। इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और यूके ने मिलकर फिर से एक नया प्रपोजल लाए थे। चीन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन लू कांग ने मीडिया से कहा था, “जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित करने के प्रपोजल को बीजिंग इसलिए मंजूरी नहीं दे सकता, क्योंकि इसके लिए हमारी शर्तें अभी पूरी नहीं हुई हैं।”
भारत के प्रपोजल पर बार-बार अड़ंगा लगाता है चीन
चीन यूनाइटेड नेशन्स (यूएन) में भारत के उस प्रपोजल को बार-बार अटका देता है जिसमें अजहर को आतंकी डिक्लेयर करने की मांग की जाती है। चीन अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर यूएन की 1267 कमेटी में अजहर के खिलाफ प्रपोजल को टेक्निकल होल्ड पर डाल देता है। पिछले साल चीन ने अप्रैल, अक्टूबर और दिसंबर में इंडिया के प्रपोजल पर टेक्निकल होल्ड लगाया था।
क्या है 1267 कमेटी?
आतंकियों और आतंकी संगठनों पर बैन लगाने का फैसला यूएनएससी की 1267 कमेटी ही करती है। अक्टूबर 1999 में यूएन सिक्युरिटी काउंसिल ने 1267 रेजोल्यू्शन पास किया था। इसी के तहत ओसामा बिन लादेन को आतंकी घोषित करने के बाद उस पर और उसके संगठन अल कायदा पर बैन लगाया गया था।
आतंकी घोषित होने पर क्या होगा?
मसूद अजहर को आतंकियों के लिए लिस्ट में डाला जाता है तो यह भारत के लिए कामयाबी होगी। अजहर की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकेगी। वह खुलेआम पाकिस्तान में रैलियां नहीं कर सकेगा, जैसा कि अभी वह करता है। एक देश से दूसरे देश की आवाजाही पर रोक होगी। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद पर पहले से ही बैन लगा है।
पठानकोट हमले में क्या है मसूद अजहर का रोल?
2-3 जनवरी 2016 की दरमियानी रात पाकिस्तान से आए आतंकियों ने पंजाब में एयरफोर्स के बेस पर हमला किया था। इसमें 7 जवान शहीद हुए थे। 4 दिन तक चले कॉम्बिंग ऑपरेशन में जवानों ने चारों आतंकियों को मार गिराया था। यह खुफिया जानकारी मिली थी कि अजहर ने 2016 में पठानकाेट हमले के बाद फोन के जरिए एक बड़ी रैली को ऐड्रेस किया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ फिर से जिहाद शुरू करने का एलान किया था। पठानकोट अटैक मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद तीन लीडर्स के खिलाफ प्रोक्लैमेशन ऑर्डर्स जारी किए हैं। पठानकोट अटैक के मामले में NIA की चार्जशीट में भी इसका नाम है।
18 साल पहले प्लेन हाईजैकिंग केस में मसूद को छोड़ा गया था
24 दिसंबर, 1999 को आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइन्स के IC-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक किया था। इसमें 178 पैसेंजर सवार थे। हाईजैक करने के बाद प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया था। दुबई में कुछ पैसेंजर्स को छोड़ दिया गया। आतंकियों ने भारत के सामने 178 पैसेंजरों की हिफाजत के बदले तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया। भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था। मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
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